
गुजरात का अमूल घोटाला इन दिनों चर्चा में है. दरअसल, करोड़ों रुपये की इस घपलेबाजी में कल दूध सागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष और राज्य के पूर्व गृह मंत्री विपुल चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. शिकायतकर्ता भगवान भाई चौधरी ने विपुल चौधरी पर वित्तीय गड़बड़ी व पद का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मेहसाणा पुलिस थाने में शिकायत की थी.
क्या है पूरा घोटाला
मेहसाणा सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन रहते विपुल चौधरी ने वर्ष 2013 में महाराष्ट्र को करीब 22 करोड़ रुपये का पोषाहार भेजा था. 2014 में सहकारी रजिस्ट्रार के यहां शिकायत की गई तो रजिस्ट्रार ने विपुल चौधरी को जनवरी, 2015 में एक नोटिस जारी किया. इस पर जुलाई, 2018 में सहकारी ट्रिब्यूनल ने रोक लगाते हुए चौधरी को अक्टूबर, 2018 तक नौ करोड़ 10 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया.
इस मामले में विपुल चौधरी का कहना है कि महाराष्ट्र को अकाल के दौरान निशुल्क पोषाहार भेजना कोई भ्रष्टाचार नहीं है. चौधरी की माने तो करीब सवा ग्यारह करोड़ रुपये जमा करा दिये गए. इसके लिए उन्हें अपनी जमीन भी गिरवी रखनी पड़ी है.
चुनाव से पहले गिरफ्तारी
आपको बता दें कि दूध सागर डेयरी का पांच जनवरी को चुनाव होने वाला है. विपुल चौधरी फिर से डेयरी के चेयरमैन बनने की कोशिश में हैं, लेकिन उससे पहले ही डेयरी में अनियमितता व भ्रष्टाचार के मामले में उनकी गिरफ्तारी हो गई है.