
गुजरात की सत्ता पर बीजेपी छठी बार विराजमान हुई, लेकिन रूपाणी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सरकार के बनने के बाद पहले डिप्टी सीएम नितिन पटेल की नाराजगी के बाद कोली समाज से ताल्लुक रखने वाले मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी अपने विभाग को लेकर नाराज हो गए हैं. पुरुषोत्तम सोलंकी के निवास पर बड़ी तादाद में कोली समाज के लोग एकजुट होकर कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि गुजरात में बीजेपी पिछले छह चुनाव में पहली बार 100 के आंकड़े के नीचे आई है. राज्य की 182 सीटों में से बीजेपी को 99 विधायक जीते हैं. जबकि कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तुलना में काफी सीटे बढ़ी है. कांग्रेस गठबंधन को इस बार 80 सीटें मिली हैं और बाकी 3 सीटे अन्य को. बीजेपी बहुमत से महज 7 सीटें ज्यादा है.
विजय रूपाणी की सरकार बनने के बाद से मंत्रियों के रूठने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में पहले डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने मनपसंद मंत्रालय न मिलने से नाराज हुए. उन्होंने अपने मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला. इसके बाद पार्टी के आलाकमान ने नितिन पटेल से बात करके उनके मनपसंद मंत्रालय लौटाने का अश्वासन दिया. जिसके बाद नितिन पटेल की नाराजगी दूर हुए.
पुरुषोत्तम सोलंकी ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से मांग की है कि उन्हें बेहतर (एक से ज्यादा) मंत्रालय दिए जाएं. पुरुषोत्तम पांचवीं बार विधानसभा चुनाव जीत कर आए हैं. उन्होंने कहा कि पांच बार के चुनाव जीतने के बावजूद उन्हें तीन टर्म से मत्स्य उद्योग मंत्रालय का जिम्मा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि जब पाटीदार नेता नितिन पटेल की बात सुनकर विभाग दिया जा सकता है तो उन्हें क्यों नहीं. पुरुषोत्तम सोलंकी ने कड़े तेवर अपनाए हुए हैं. उन्होंने धमकी देते हुए कहा थी कि साल 2019 के चुनाव में कोली समाज देखेगा कि उसे किसे सपोर्ट करना है और किसे नहीं.
गौरतलब है कि गुजरात में कोली समुदाय करीब 14 फीसदी हैं और राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में करीब 25 फीसदी है. 182 सीटों में करीब 35 सीटें हैं जहां कोली समाज का प्रभाव है सोलंकी ने रूपाणी से कहा है कि उनकी जाति की मांग है कि उन्हें इस सरकार में बेहतर मंत्रालय मिलें. पहली बार बने मंत्रियों के पास कई विभागों की जिम्मेदारी है, जबकि सोलंकी के पास सिर्फ एक विभाग है.
बीजेपी हाईकमान ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की. वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा को सोलंकी से बात करने की जिम्मेदारी दी. बता दें कि भूपेंद्र सिंह ने ही नितिन पटेल के मुद्दे का समाधान निकाला था.