
गुजरात के अहमदाबाद से जब्त 100 करोड़ रुपये से अधिक के सोने के मामले में जांच एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि यह सोना विदेशी स्रोतों से भारत लाया गया है. इस मामले में डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने कस्टम्स एक्ट के तहत जांच शुरू कर दी है और तस्करी से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है.
अहमदाबाद के एक फ्लैट से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का सोना जब्त कर गुजरात एटीएस ने बड़ी सफलता हासिल की है. गुजरात एटीएस ने डीआरआई के साथ मिलकर जो चीजें जब्त की हैं, उनमें 87.9 किलोग्राम गोल्ड बार, 19.6 किलोग्राम सोने के जेवरात, 11 लक्जरी घड़ियां और 1.37 करोड़ रुपये कैश शामिल है. जब्त की गईं 11 लक्जरी घड़ियों की कीमत लाखों से लेकर 3 करोड़ रुपये तक है. कैश को गिनने के लिए एटीएस की टीम को बाहर से मशीनें तक लानी पड़ीं.
खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी
गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि हमारे डिप्टी एसपी को खुफिया जानकारी मिली थी जिसके आधार पर हमने यह छापेमारी की. फ्लैट बंद होने की वजह से उनके संबंधियों से चाबी लाकर घर का दरवाजा खोला गया और डीआरआई की टीम के साथ मिलकर सामान जब्त किया गया. यह फ्लैट मेघ शाह ने किराए पर लिया था और उनके संबंधी इसी फ्लैट की चौथी मंजिल पर रहते हैं. फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि उनको इसके बारे में कोई जानकारी थी या नहीं.
शैल कंपनी के जरिए होता था लेनदेन
मेघ शाह के खिलाफ डीआरआई कस्टम्स एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी और उनको बुलाकर पूछताछ भी की जाएगी. एटीएस सूत्रों का कहना है कि मेघ शाह और उनके पिता महेंद्र शाह का शेयर बाजार में काम है. वो बड़े पैमाने पर निवेश करते हैं और संभवतः शैल कंपनी के जरिए ये लेनदेन होता है. यह गोल्ड, घड़ियां और कैश कहां से आया, डीआरआई अब इसकी पूरी जांच करेगी.
महेंद्र शाह मूल रूप से बनासकांठा जिले के रहने वाले हैं और कई साल से मुंबई में रहते हैं. उनका बिजनेस दुबई तक फैला है और दुबई उनका आना-जाना लगा रहता है. गुजरात एटीएस ने छापेमारी के बाद पूरा केस डीआरआई को सौंप दिया है और आगे की पूरी कार्रवाई डीआरआई ही करेगी.