
गुजरात (Gujarat) को सोमवार को उसका नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है, भूपेंद्र पटेल दोपहर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. रविवार को जब विधायक दल की बैठक के बाद भूपेंद्र पटेल का नाम सामने आया, तो हर कोई चौंक गया. ना सिर्फ लोग बल्कि भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) के परिवार का भी ऐसा ही रिएक्शन था. भूपेंद्र पटेल की पत्नी की मानें तो उन्हें टीवी से ही इसकी जानकारी मिली, इसी के बाद उन्होंने घर में हलवा बनाया.
भूपेंद्र पटेल की पत्नी हेतल पटेल के मुताबिक, रविवार को करीब चार बजे टीवी के जरिए उन्हें पता लगा. सबसे पहले उन्होंने अपने बेटे को उठाया, जो सो रहा था. उन्होंने बताया कि घर में राजनीति की बात होती नहीं है, वहीं भूपेंद्र पटेल पहले मंत्री नहीं रहे थे और ऐसे में मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने की उम्मीद किसी को नहीं थी. लेकिन जब टीवी में देखा, तो हमने घर में हलवा बनाया.
पेड़ लगा रहे थे भूपेंद्र पटेल
बता दें कि भूपेंद्र पटेल रविवार सुबह अहमदाबाद में एक वृक्षारोपण के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. पार्टी की विधायक दल की बैठक के दौरान जब उनके नाम का ऐलान हुआ, तब वह पांचवीं सीट पर बैठे हुए थे. यानी जो भी हुआ वह सबकुछ चौंकाने वाला था. नाम का ऐलान होने के बाद भूपेंद्र पटेल ने राजभवन पहुंच अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया.
मंदिर-मंदिर जाकर लिया आशीर्वाद
रविवार शाम को भूपेंद्र पटेल ने दादा भगवान के मंदिर में दर्शन किए, आरती में हिस्सा लिया. इसके बाद अहमदाबाद के ही जगन्नाथ मंदिर में जाकर उन्होंने माथा टेका और तब जाकर वो अपने क्षेत्र घाटलोदिया पहुंचे थे. यहां घर में उनकी बहन ने आरती कर स्वागत किया, घरवालों ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को मिठाई खिलाई.
भूपेंद्र पटेल सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मुलाकात की, साथ ही नितिन पटेल से मुलाकात की. नितिन पटेल को लेकर अटकलें थीं कि वह नाराज़ हैं, ऐसे में ये मुलाकात काफी अहम रही. सोमवार सुबह भी भूपेंद्र पटेल ने अलग-अलग मंदिरों में माथा टेका.
गौरतलब है कि कड़वा पाटीदार समुदाय से आने वाले भूपेंद्र पटेल को तब कमान सौंपी गई है, जब ऐसी खबरें थी कि गुजरात में पटेल समुदाय भारतीय जनता पार्टी से नाराज़ चल रहा है. अब जब विधानसभान चुनाव में एक साल का वक्त बचा है, तब पार्टी ने नेतृत्व परिवर्तन कर दिया.