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गुजरात विधानसभा में नेता बनने के लिए कांग्रेस के कई विधायकों ने ठोंका दावा

पार्टी का विधायक दल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस की दो दिवसीय बैठक हुई है. बैठक के पहले दिन बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कुंवरजी बावलिया और विक्रम मदाम ने अपनी-अपनी वरिष्ठता का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें चुना जाए.

गुजरात में कांग्रेस विधायक दल का नेता बनने के लिए कई दावेदार गुजरात में कांग्रेस विधायक दल का नेता बनने के लिए कई दावेदार
कुबूल अहमद/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 04 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

गुजरात की सियासत में बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीजेपी में जहां कई मंत्री मलाईदार विभाग न मिलने से विजय रुपाणी सरकार से नाराज हैं. वहीं 22 साल में पहली बार गुजरात में मजबूत विपक्ष देने की स्थिति में आई कांग्रेस के कई विधायक सदन में दल का नेता बनने के लिए दावा ठोंक रहे हैं.

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पार्टी का विधायक दल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस की दो दिवसीय बैठक हुई है. बैठक के पहले दिन बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कुंवरजी बावलिया और विक्रम मदाम ने अपनी-अपनी वरिष्ठता का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें चुना जाए. इतना ही नहीं दोनों नेताओं ने विधायकों के समर्थन का दावा भी किया.

गुजरात कांग्रेस प्रभारी और केंद्रीय पर्यवेक्षकों अशोक गहलोत और जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में बुधवार को बैठक शुरू हुई. कांग्रेस विधायक दल के नेता पद की दौड़ में पाटीदार नेता परेश धनानी सबसे आगे माने जा रहे हैं. बैठक में जिस तरह कुंवरजी बावलिया और विक्रम मदाम ने अपना दावा पेश किया है. ऐसे में धनानी के नाम पर अब मुहर लागाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. दावेदारी करने वाले दोनों सीनियर नेता हैं.

परेश धानानी खुद सौराष्ट्र के अमरेली से आते हैं और कांग्रेस ने इस बार अमरेली की पांचों सीट पर जीत हासिल की है. साथ ही पाटीदार नेता होने कि वजह से परेश धानानी को हार्दिक पटेल का भी साथ है.  इतना ही नहीं कांग्रेस अगर चुनाव जीत जाती तो परेश धानानी का नाम बतौर उपमुख्यमंत्री के तौर पर लिया जा रहा था. ऐसे में प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर उनकी दावेदारी मजबूत है.

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दूसरी ओर सौराष्ट्र के ही कुंवरजी बावलिया ने भी अपने नाम की दावेदारी पेश की है. कुंवरजी बावलिया का कहना है कि है वो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और पांच बार से ज्यादा वक़्त से चुनाव जीतते आए हैं. ऐसे में नेता विपक्ष उन्हें ही बनाया जाए. बता दें कि सौराष्ट्र में कुंवरजी बावलिया कोली समाज के बड़े नेताओं में से एक है. राज्य में कोली समाज के करीब 14 फीसदी वोट है.

सौराष्ट्र के तीसरे नेता विक्रम मांडम ने तो यहां तक कह दिया है कि वो सालों से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि 27 कांग्रेसी विधायक भी उनके साथ है. इसकी वजह से कांग्रेस आला कमान उन्हें ही नेता विपक्ष चुने. हालांकि वो ये भी कहते हैं कि अगर उन्हें विधायक दल का नेता नहीं बनाया जाता है तो सालों से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए होने की वजह से वो कांग्रेस के साथ ही रहेंगे.

इधर, परेश धानानी ने कहा है कि वह पार्टी आलाकमान के फैसले को स्वीकार करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी जिम्मा देगी तो उसे पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे और नहीं देगी तो कोई एतराज नहीं है.

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि सभी विधायकों ने आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस विधायक दल का अगला नेता चुनने का पूर्ण अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दिया है.

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बता दें कि गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 99, कांग्रेस 77 और बाकी 6 सीटें अन्य के खाते में गई है. कांग्रेस पिछले 22 सालों में पहली बार मजबूत विपक्ष के लिहाज से सीटें जीतने में कामयाब रही है. ऐसे में पार्टी के कई विधायक प्रतिपक्ष के नेता बनने के जुगत में हैं.

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