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कोरोना: गुजरात में 15 साल पहले बंद श्मशान फिर शुरू, वेटिंग के चलते बाहर हो रहे दाह संस्कार

हालात ये हैं कि शवों का अंतिम संस्कार श्मशान गृह में नहीं बल्कि श्मशान गृह के बाहर किया जा रहा है. इलाके के पार्षद बताते हैं कि सूरत की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए यह बंद पड़े श्मशान को शुरू किया गया है.

सूरत में श्मशान घाट का मंजर. सूरत में श्मशान घाट का मंजर.
गोपी घांघर
  • सूरत,
  • 12 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST
  • श्मशान गृह के बाहर ही हो रहे दाह संस्कार
  • श्मशान घाट में लंबी कतारें
  • गुजरात के सूरत में हालात बेकाबू

गुजरात के सूरत में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. आलम यह है कि वर्षों से बंद पड़े श्मशान गृहों को शुरू किया जा रहा है. रोजाना सूरत शहर में सौ से ज़्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. बावजूद इसके श्मशान गृहों में 8 से 10 घंटे की वेटिंग चल रही है. इस बीच प्रशासन ने 15 साल पुराना श्मशान एक बार फिर से खोल दिया है.

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सूरत शहर में रात के अंधेरे में एक दो नहीं दर्जनों शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. हालात ये है कि शवों का अंतिम संस्कार श्मशान गृह में नहीं बल्कि श्मशान गृह के बाहर किया जा रहा है.  इलाके के पार्षद बताते हैं कि सूरत की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए यह बंद पड़े श्मशान को शुरू किया गया है. यहां करीबन 30 शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया जा सकता है. बीजेपी पार्षद निलेश पटेल की माने तो यहां भीड़भाड़ अधिक ना हो इस हिसाब से बाहर कोविड संक्रमित शवों का अग्निदाह किया जाएगा. 

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सूरत भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन भजियावाला की मानें तो पिछले कई दिनो से वो शहर के अलग-अलग श्मशानों में सेवा कार्य कर रहे है. उमरा श्मशान में नॉन कोविड शवों को लड़की पर अग्निदाह का कार्य शुरू किया था. इसके बाद सूरत नगर निगम के कहने पर बंद पड़े इस श्मशान गृह के ट्रस्टियों से बातचीत करके शुरू किया है. 

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गौरतलब है कि सूरत में तीन श्मशान गृह पहले से मौजूद हैं. जिसमें पिछले एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइन लगती हैं. मृतकों की बढ़ती संख्या के चलते शहर से दूर बारडोली में अंतिम संस्कार करने जाना पड़ रहा है. शहर के श्मशान गृह में वेटिंग चल रही है. ऐसे में आवश्यकता को देखते हुए शहर में दो नए श्मशान गृह बनाए जा रहे हैं. जबकि इसी तरह श्मशान के पास खाली पड़ी जमीन पर ही लोगों के अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं.  

 

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