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गुजरात कांग्रेस की अंदरूनी कलह, हार्दिक बोले- पार्टी के भले के लिए सच बोलता हूं

गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक पटेल की नाराजगी कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. अब एक बार फिर हार्दिक पटेल ने एक ट्वीट कर पार्टी को बड़ा संदेश दिया है. उनके मुताबिक वे पार्टी के भले के लिए सच बोलते हैं.

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST
  • हार्दिक का आरोप- पार्टी कर रही अनदेखी
  • 'पद के मोहताज नहीं काम के भूखे'

गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इस समय नाराज बताए जा रहे हैं. वे पार्टी के काम करने के अंदाज से भी खफा नजर आ रहे हैं. अब इस नाराजगी के बीच हार्दिक पटेल ने बड़ा बयान दिया है. उनके मुताबिक वे सच इसलिए बोलते हैं जिससे पार्टी का भला हो सके.

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हार्दिक पटेल ने कहा है कि सच बोलना चाहिए क्योंकि मैं पार्टी का भला चाहता हूँ. प्रदेश की जनता हमसे उम्मीद रखती है और हम उस उम्मीद पर खरे न उतर सके तो फिर इस नेतागीरी का मतलब क्या है ! मैंने आज तक पार्टी को श्रेष्ठ देने का काम किया है और आगे भी करने वाला हूँ. पद के मोहताज नहीं काम के भूखे हैं. अब हार्दिक का ये एक ट्वीट बताने के लिए काफी है कि गुजरात कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. चुनाव से पहले वे अब अपनी नाराजगी जगजाहिर कर रहे हैं.

बता दें कि इस समय हार्दिक पटेल कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस से खफा चल रहे हैं. एक मुद्दा तो पाटीदार नेता नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने को लेकर है. कांग्रेस चाहती है कि नरेश पटेल चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हो जाएं, लेकिन उन पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. ऐसे में हार्दिक तंज कस रहे हैं कि कही कांग्रेस 2027 के चुनाव में किसी दूसरे पटेल चेहरे की तलाश में ना लग जाए. उन्होंने जोर देकर कहा है कि पार्टी को उन नेताओं का इस्तेमाल करना चाहिए, जो उनके पास पहले से मौजूद हैं.

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इंडियन एक्सप्रेस वे को दिए इंटरव्यू में तो हार्दिक पटेल यहां तक कह चुके हैं कि पार्टी के अंदर उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है.  हार्दिक ने कहा कि पार्टी में मेरी स्थिति एक नए नवेले दूल्हे की है, जिसकी नसबंदी करा दी गई है. उनके मुताबिक अभी उन्हें प्रदेश कांग्रेस समिति की किसी भी बैठक में भी नहीं बुलाया जाता है. उनकी मानें तो वे तो सिर्फ नाम के लिए पद पर बने हुए हैं लेकिन पार्टी द्वारा कोई भी जरूरी फैसला लेने से पहले उनसे सलाह नहीं ली जाती है. हार्दिक को यहां तक महसूस होता है कि कांग्रेस के अंदर ही कुछ नेताओं को उनसे खतरा महसूस होता है. 

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