
गुजरात सरकार ने एक और क्लास 1 ऑफिसर पर सख्त एक्शन लिया है. सरकार ने पंकज बारोट नाम के अफसर को समय से पहले सरकारी सेवाओं से निष्कासित कर दिया है. पंकज बारोट पर आरोप लगने के बाद उनके खिलाफ जांच चल रही थी. इस तरह के आरोपों के चलते पूर्व में भी कई अफसरों पर एक्शन लिया जा चुका है.
पिछले 1 महीने में यहां के 10 अधिकारियों को सरकार समय से पहले रिटायर कर चुकी है. इससे पहले गुजरात सरकार ऐसे 9 अधिकारियों को घर बिठा चुकी है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे या उनके खिलाफ जांच चल रही थी.
इन अधिकारियों को हटा चुकी है सरकार
अब तक जिनको हटाया गया उनमें राज्य कर विभाग के दो उपायुक्त एसएच गांधी और डी.पी.नेता, नर्मदा निगम के अधीक्षक जे जे पंड्या, स्पीपा के GAS अधिकारी एस.जी. पंड्या, गोंडल पीआई एफएम कुरैशी, अहमदाबाद के पीआई डीडी चावड़ा और आरआर बंसल, भिलोड़ा के क्लास 2 अधिकारी बी डी सोलंकी, और सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार मनोज लोखंडे शामिल है.
ये भी पढ़ें: राजकोट के कमिश्नर सहित छह IPS अधिकारियों का ट्रांसफर, गुजरात HC की फटकार के बाद एक्शन
जांच जारी रहेगी
इन सभी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी या फिर इन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही थी जिसे अभी बंद नहीं किया गया है. जिन अधिकारियों को समय से पहले रिटायर किया गया है उनके खिलाफ चल रही जांच जारी रहेगी.
राजकोट अग्निकांड मे तहसील विकास अधिकारी का नाम सामने आने के बाद उन पर एंटी करप्शन ब्यूरों की टीम ने आय से अधिक संपत्ति मामले मे जांच शुरू की थी, जिसमें उसके पास से करोड़ों की संपत्ति मिली थी. इस मामले के बाद गुजरात सरकार ने इस तरह के सभी अधिकारियों को घर बैठाना शुरू कर दिया था जिनके खिलाफ जांच लंबित थी.