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गुजरात में शराबबंदी के बीच गुजरात सरकार ने गिफ्ट सिटी में शराबबंदी में छूट का बड़ा फैसला लिया है. गिफ्ट सिटी के लिए शराबबंदी के नियमों में बदलाव किए गए हैं. अब गिफ्ट सिटी में रहने वाले, काम करने वाले और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के विजिटर्स के लिए शराबबंदी के नियमों में राहत दी गई है.
इन लोगों को सरकार की तरफ से स्पेशल परमिट दी जाएगी. इसके तहत वाइन एंड डाइन फैसिलिटी में वो लोग शराब पी सकेंगे. सरकार के इस फैसले के पीछे माना जा रहा है कि गिफ्ट सिटी में निवेश करने वाली कंपनियों की ओर से कई बार शराबबंदी के मुद्दे को उठाया गया था.
इन लोगों को सरकार ने दी राहत
गिफ्ट सिटी में आधिकारिक तौर पर काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी
गिफ्ट सिटी में आधिकारिक तौर पर आने वाले विजिटर
इस रियायत के अनुसार, पूरी गिफ्ट सिटी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों/मालिकों को शराब एक्सेस परमिट दिया जाएगा. इससे वो गिफ्ट सिटी में "वाइन एंड डाइन" ऑफर करने वाले होटल/रेस्तरां/क्लबों में शराब का सेवन कर सकेंगे. इसके अलावा हर कंपनी द्वारा अधिकृत विजिटर्स को कंपनी के स्थायी कर्मचारियों की उपस्थिति में अस्थायी परमिट वाले ऐसे होटलों/रेस्तरां/क्लबों में शराब का सेवन करने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है.
इस बदलाव के लिए सरकार का कहना है कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) एक वैश्विक वित्तीय और प्रौद्योगिकी केंद्र है, जो आर्थिक गतिविधियों से भरपूर है. वैश्विक निवेशकों, तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए एक वैश्विक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के उद्देश्य से पूरे गिफ्ट सिटी क्षेत्र में "वाइन एंड डाइन" सुविधा प्रदान करने के लिए निषेध के नियमों मे राहत दी गई है.
सबसे महत्वपूर्ण है कि गिफ्ट सिटी में आधिकारिक तौर पर कार्यरत कर्मचारी और आधिकारिक तौर पर आने वाले विजिटर होटल/क्लब/रेस्तरां में शराब का सेवन कर सकते हैं. मगर, होटल/क्लब/रेस्तरां शराब की बोतलें नहीं बेच सकते. इस फैसले के बाद विपक्ष ने सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं.
'शराबबंदी हटाना चाहती है सरकार'
विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले दरवाजे से राज्य में शराबबंदी हटाना चाहती है. आज सिर्फ एक जगह के लिए छूट दी गई है. आने वाले दिनों में दूसरी जगह के लिए भी इस तरह के नियम बनाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बावजूद राज्य का विकास हुआ है. ऐसा कहीं पर भी नहीं है कि विकास के लिए शराबबंदी को हटाने की जरूरत पड़े. इस मामले पर राज्य सरकार या प्रदेश भाजपा और से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. आने वाले दिनों मे राजनीति होनी तय है.