
गुजरात में सार्वजनिक सड़कों पर आवारा पशुओं के खतरे को रोकने के प्रयास में, गुजरात सरकार ने 50 हजार से अधिक बैलों की नसबंदी करने का निर्णय लिया है. कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बुधवार को गुजरात सरकार की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया.
8 महानगरों और 156 नगर पालिकाओं में चलेगा अभियान
ऋषिकेश पटेल ने कहा कि आवारा पशुओं के खतरे से नागरिकों को मुक्त करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. ये खास अभियान राज्य के 8 महानगरों और 156 नगर पालिकाओं में होगा, जहां 50 हजार से अधिक सांडों की नसबंदी की जाएगी. मंत्री ऋषिकेश पटेल ने यह भी बताया कि सांडों की देखभाल के लिए गुजरात के कई क्षेत्रों में 105 से अधिक मवेशी तालाब चल रहे हैं.
50 हजार आवारा सांडों की नसबंदी
मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि जहां राज्य सरकार राज्य के नागरिकों को आवारा पशुओं की पीड़ा से मुक्त करने के लिए कई कदम उठा रही है. वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आवारा सांडों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. मंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत राज्य की 8 महानगर पालिकाओं और 156 नगर पालिकाओं के अलावा एक वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 50 हजार आवारा सांडों की नसबंदी की जाएगी. नसबंदी के बाद एक सप्ताह तक पशुओं के रख-रखाव एवं देखभाल की भी व्यवस्था की जायेगी.
नसबंदी के बाद नजर रखने के लिए लगेंगे टैग
विशेषज्ञों की टीम द्वारा ये विशेष अभियान चलाया जाएगा. टीम में पशु चिकित्सक, पशुपालन विभाग के अधिकारी, पशुधन निरीक्षक और संचालक होंगे. नसबंदी के बाद सांडों पर नजर रखने के लिए उनके कानों में टैग भी लगाए जाएंगे. एक सप्ताह के नसबंदीकरण के बाद सांडों को मुख्यमंत्री गौमाता पोषण योजना से सहायता प्राप्त संस्थाओं में भेजा जाएगा.