
वडोदरा के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित के वजह से जिस व्यक्ति के वीर्य (Sperm) लेने के लिए गुजरात हाईकोर्ट ने आदेश दिया था, उसी व्यक्ति की अब मौत हो गई है. अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे इस शख़्स की पत्नी ने गुजरात हाईकोर्ट में गुहार लगायी थी कि वो अपने पति के बच्चे की मां बनना चाहती है और उसके पति के पास 24 घंटे से ज़्यादा वक्त नहीं है.
हालांकि अस्पताल ने महिला को पति की मर्जी के बिना IVF के सैम्पल लेने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद महिला ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था और गुजरात हाईकोर्ट ने महिला को 15 ही मिनट की सुनवाई में स्पर्म लेने की अनुमति दे दी थी. ऐसे में हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद, अस्पताल ने शाम के वक्त महिला के पति के शुक्राणु ले लिए. लेकिन दूसरे ही दिन महिला के पति की मौत हो गयी.
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पति के कई अंग हुए थे फेल
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से महिला के पति के कई अंग फेल हो गये थे. 32 साल के व्यक्ति को वडोदरा के स्टर्लिंग हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर रखा गया था. अहमदाबाद से कनाडा गई इस महिला को वहां भरुच के रहने वाले शख्स से प्यार हो गया. दोनों ने शादी की और कनाडा में ही रह रहे थे. फरवरी 2021 में लड़के के पिता की तबीयत काफी खराब हो गई. उन्हें दिल की बीमारी होने की वजह से पति-पत्नी मार्च 2021 में अहमदाबाद आए गए.
10 मई को अस्पताल में हुआ एडमिट
पिता का अस्पताल में इलाज चला वो ठीक हो गए, लेकिन अस्पताल में साथ रहे बेटे को कोरोना हो गया. 10 मई को उसे अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन उसकी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ, डॉक्टर ने दोनों ही फेफड़े ख़राब होने की वजह से उसे ऐक्मो सिस्टम पर भी रखा लेकिन उसे मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर होने लगा. वहीं महिला पति के बच्चे की मां बनना चाहती थी जिसके लिए उसे गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.