
शेरों के असामयिक मौत के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने वन विभाग और रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा कि आधी-अधूरी जानकारी देने से उन्हें बचना चाहिए. साथ ही कहा कि उनके काम की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी.
बता दें जनवरी 2024 में मालगाड़ी की चपेट में आने से तीन शेरों की मौत हो गई थी. मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल ने कहा, हम रेल मंत्रालय के सचिव और वन एवं पर्यावरण विभाग, गुजरात के सचिव को निर्देश जारी कर रहे हैं कि वे दुर्घटनाओं के कारणों की जांच करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करें और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें.
शेरों की मौत पर हाईकोर्ट ने लगाई रेलवे और विभाग को फटकार
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध मायी की खंडपीठ एशियाई शेरों की असामयिक मौत और हाल ही में रेलगाड़ियों की चपेट में आने से तीन शेरों की मौत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. एशियाई शेर गुजरात में ही पाए जाते हैं.
मुख्य न्यायधीश सुनीता अग्रवाल ने रेलवे विभाग के जवाब को नकारते हुए कहा कि इस जांच का आदेश किसने दिया और किसने जांच की. साथ ही वन विभाग को भी फटकार लगाते हुए कहा कि गंभीरता से कोई जांच नहीं की गई. रेल विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कोई बैठक नहीं हुई.
गुजरात हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए
हाईकोर्ट ने कहा कि तीन शेरों की मौत के बाद दोनों विभाग आंख बंद कर सोते रहे. पश्चिम रेलवे के भावनगर डिविजन के मैनेजर को घटना की जानकारी ही नहीं है. कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद ही रेल विभाग ने जांच की. इस घटना की उच्च स्तरीय जांच रेल विभाग के सचिव और वन विभाग के सचिव की निगरानी में हो. उसकी रिपोर्ट कोर्ट को दी जाए.