
गुजरात हाईकोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में जेल में बंद आसाराम द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है. आसाराम ने अपनी इस याचिका में सजा का निलंबित करने की मांग की थी. अदालत ने याचिका को खारिज कर कहा कि आवेदन पर विचार करने के लिए कोई असाधारण आधार नहीं है. इस मामले में आसाराम को गांधीनगर अदालत ने साल 2023 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति विमल व्यास की खंडपीठ ने गुरुवार को पारित आदेश में सजा को निलंबित करने और उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि राहत का कोई मामला नहीं बनता है. जनवरी 2023 में सत्र अदालत ने आसाराम को 2013 के बलात्कार मामले में दोषी ठहराया था. अदालत ने ये फैसला अपराध के वक्त आसाराम के गांधीनगर आश्रम में रहने वाली महिला की याचिका पर सुनाया था. इस वक्त आसाराम एक अन्य दुष्कर्म के मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है.
'दलीलें राहत देने के लिए प्रासंगिक नहीं'
हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी अपील के निपटारे में संभावित देरी, उनकी उम्र और चिकित्सा स्थिति के बारे में उनकी दलील राहत देने के लिए प्रासंगिक नहीं थीं. अदालत ने उनके साबरमती आश्रम में दो लड़कों की कथित हत्या, पीड़ितों के गवाहों और रिश्तेदारों पर हमलों समेत पूर्ववृत्त पर भी विचार किया.
कोर्ट ने यह भी कहा कि "इस स्तर पर परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए, अपील में संभावित देरी और चिकित्सा बीमारी के साथ-साथ जेल में दस साल पूरा करने का आधार, हमारे विचार में जमानत के निलंबन की प्रार्थना पर विचार करने के लिए प्रासंगिक नहीं हो सकता है."
आसाराम की याचिका में कहा गया है कि वह साजिश का शिकार हुए हैं और बलात्कार के आरोप झूठे हैं. इसमें कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने शिकायत दर्ज करने में 12 साल की देरी के लिए पीड़ित के स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए गलती की.
राजस्थान HC भी खारिज कर चुका है याचिका
वहीं, जोधपुर में बलात्कार के एक मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ आसाराम की अपील राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित है. उस मामले में सजा के निलंबन के उनके आवेदन को इस साल जनवरी में राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को इलाज के लिए 7 दिनों की पैरोल दी थी. साथ ही कोर्ट ने आसाराम को पैरोल का पूरा खर्चा उठाने का निर्देश देते हुए पुलिस हिरासत में इलाज कराने की अनुमति दी थी.