
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी और राष्ट्रीय एकता दिवस की परेड को देखा. इस परेड में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य पुलिस की विभिन्न टुकड़ियां शामिल हुईं. पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, तुष्टिकरण की राजनीति ही देश के विकास में बाधक है. तुष्टिकरण करने वाले लोगों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है. तुष्टिकरण की सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती हैं.
बता दें कि केवड़िया में आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बने हुए पांच साल पूरे हो गए हैं. पीएम मोदी ने सरदार पटेल को समर्पित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन 31 अक्टूबर, 2018 को किया था. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है. बाद में पीएम ने सभा को संबोधित किया और 160 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. 1875 में गुजरात में जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल एक वकील थे. वे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख कांग्रेस नेता और महात्मा गांधी के सहयोगी के रूप में उभरे. वे स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री बने. उन्हें सैकड़ों रियासतों को सरकार में मिलाने का श्रेय दिया जाता है.
'जब दुनिया में संकट, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित'
पीएम ने कहा, दुनिया भारत की सराहना कर रही है. हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर गर्व है. हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं. हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं.
'हम विकास भी कर रहे हैं और...'
पीएम का कहना था कि अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है. हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं. भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है. गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है. IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है. इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है. 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को Statue Of Unity के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम, राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं.
'कुछ पार्टियां सकारात्मक राजनीति में भरोसा नहीं करतीं'
पीएम ने कहा, हम चुनावी मौसम में हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं. कुछ राजनीतिक दल सिर्फ तुष्टिकरण के कारण सकारात्मक राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं. वे सिर्फ अपनी राजनीति के लिए देश की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार हैं. वे अपनी नकारात्मक राजनीति के कारण देश पर मंडरा रहे खतरे के बारे में सोचने को तैयार नहीं हैं. राष्ट्र को ऐसे लोगों और उनकी विभाजनकारी राजनीति के प्रति सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है.
'आतंकियों को बचाने कोर्ट पहुंच जाते तुष्टिकरण की सोच वाले'
पीएम का कहना था कि देश की एकता के रास्ते में हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है- तुष्टिकरण की राजनीति. भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टिकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता, विकरालता कभी दिखाई नहीं देती. तुष्टिकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है. वो आतंकी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वो देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं. तुष्टिकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है. ऐसी सोच से किसी समाज या देश का भला नहीं हो सकता.
इन परियोजनाओं की सौगात...
जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें एकता नगर से अहमदाबाद तक हेरिटेज ट्रेन, नर्मदा आरती लाइव के लिए परियोजना, कमलम् पार्क, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर के अंदर एक पैदल मार्ग, 30 नई ई-बसें, 210 ई-साइकिलें और कई गोल्फ कार्ट, एकता नगर में सिटी गैस वितरण नेटवर्क और गुजरात राज्य सहकारी बैंक के 'सहकार भवन' से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. पीएम केवड़िया में ट्रॉमा सेंटर और एक सौर पैनल के साथ उप-जिला अस्पताल की आधारशिला भी रखेंगे.
'हम उनकी सेवा के सदैव ऋणी रहेंगे'
इससे पहले पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट भी लिखा है. पीएम ने सरदार वल्लभभाई पटेल को याद किया और कहा, सरदार पटेल की जयंती पर हम उनकी अदम्य भावना, दूरदर्शी राजनेता और असाधारण समर्पण को याद करते हैं, जिसके साथ उन्होंने हमारे देश की नियति को आकार दिया. राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमारा मार्गदर्शन करती रहती है. हम उनकी सेवा के सदैव ऋणी रहेंगे.
'दिल्ली में भी दी गई सरदार पटेल को श्रद्धांजलि'
इस बीच, दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य लोगों ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. एक्स पर एक पोस्ट में अमित शाह ने लिखा, भारत की एकता और समृद्धता सरदार वल्लभभाई पटेल जी के जीवन का एकमात्र ध्येय था. उन्होंने अपनी चट्टान जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति, राजनीतिक विद्वता और कठोर परिश्रम से 550 से अधिक रियासतों में बंटे भारत को एक संगठित राष्ट्र बनाने का काम किया. सरदार साहब का राष्ट्र को समर्पित जीवन और देश के पहले गृह मंत्री के रूप में देश-निर्माण के कार्य हमें सदैव प्रेरणा देते रहेंगे. लौह पुरुष सरदार पटेल जी को उनकी जन्म-जयंती पर नमन. सभी देशवासियों को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' की शुभकामनाएं.