
गुजरात की 25 सीटों पर मतदान मंगलवार शाम पूर्ण हुआ, जिसके बाद क्षत्रिय संकलन समिति ने बड़ा दावा किया और कहा कि गुजरात में भाजपा 7 सीटें गंवा रही है. यह सीट कौन सी होगी, उसकी स्पष्टता समिति ने नहीं की. पर अपने समर्थन में मतदान करने के लिए क्षत्रिय समाज और सहयोगी समाज का आभार व्यक्त किया. वहीं दूसरे दिन राजकोट से भाजपा उम्मीदवार परसोत्तम रूपालाने कहा कि मेरी वजह से पूरा विवाद हुआ, मेरी पार्टी को भी सुनना पड़ा. यह मेरे लिए कष्टदायी क्षण था. फिर एक बार सबसे माफी मांगता हूं और देशहित में क्षत्रिय समाज प्रधानमंत्री के साथ जुड़े ऐसी अपील भी की.
'मेरे जीवन काल में सबसे कष्टदायी क्षण था, जब मुझसे गलती हो गई'
रूपाला ने कहा कि मेरे जीवन का यह सबसे कठिन दौर था, जहां मेरे एक बयान से न सिर्फ मुझे, मेरी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सुनना पडा. मेरे जीवन काल में यह सबसे कष्टदायी क्षण था, जब मुझसे गलती हो गई. मैंने माफी भी मांगी पर विवाद बढ़ता गया. अब मतदान हो चुका है, तो मेरी क्षत्रिय समाज से अपील है कि देशहित में प्रधानमंत्री मोदी के साथ जुड़ें और बाकी सारी चीजों को खत्म करें. मैं इसीलिए मतदान खत्म होने के बाद बात कर रहा हूं. जिससे किसी को यह न लगे के मुझे वोट लेना है इसलिए यह अपील की.
संकलन समिति के प्रवक्ता करन सिंह चावड़ा ने कहा क्षत्रिय समाज और सहयोगी समाज के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोंगो ने मतदान किया. हमारी अस्मिता की लडाइ के आह्वान को समाज ने समझा. पूरे राज्य में कम मतदान दिखाता है कि लोग सरकार के समर्थन में बाहर नहीं निकले. जो हमारी जानकारी है उसके मुताबिक 7 सीटें भाजपा हार रही है. कौन सी बैठक है, उसमें हम नहीं जाना चाहते, 4 सीटें ऐसी हैं, जहां क्लोज फाइट है. नागरिकों को दिक्कत हो हमने ऐसा कुछ नहीं किया, फिर भी हमारे आंदोलन, रैली से किसी को दिक्कत हुए हो तो हम माफी मांगते हैं.
उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र से लेकर दक्षिण गुजरात तक क्षत्रिय समाज ने भारी मतदान किया है. उन्होंने दावा किया कि राजकोट, जामनगर, सुरेन्द्रनगर, भावनगर, कच्छ, आणंद, पाटन, बारडोली जैसी जो भी क्षत्रिय मतदाता प्रभावी सीटें है, वहां क्षत्रिय समाज ने बडी संख्या में बाहर निकल कर मतदान किया है.
इस पूरे चुनाव में जो सबसे बड़ा विवाद था वो क्षत्रिय समाज की माफी वाला था. जहां रूपाला और भाजपा की और से बार बार माफी मांगने के बाद भी यह विवाद थमा नहीं और चुनाव के आखिरी दिन तक विरोध जारी रहा, अब इसका परिणाम क्या आया ये तो 4 जून को ही साफ होगा.