
गुजरात के राजकोट अग्निकांड में 27 लोगों की मौत हो गई है. रविवार को एक गेमिंग जोन में आग लगी और देखते ही देखते आग विकराल हो गई. गर्मी की छुट्टियां चल रही है, इसलिए वहां बच्चों की भीड़ ज्यादा थी. आग लगते ही वहां अफरा तफरी मच गई और जबतक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचती तबतक कई लोग आग की चपेट में आ चुके थे. जिस गेमिंग जोन के पास फायर एनओसी नहीं था और ना ही फायर सेफ्टी के उपाय. खबर ये है कि कभी फायर एनओसी के लिए अप्लाई भी नहीं किया गया था.
आग लगने के बाद जो तस्वीरें और वीडियो घटनास्थल से आए वो दिल को चीर देने वाले थे. यहां बच्चे खेल रहे थे वहां धुएं का गुबार और लपटों का आतंक था. खेलते-खेलते बच्चे मौत के मुंह में समा गए . इस दर्दनाक हादसे ने कई मांओं की गोद सूनी कर दी, किसी का भाई छिन गया तो किसी के घर का चिराग उठती आग की लपटों में बुझ गया.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने जिस जगह आग लगी थी वहां पहुंचकर मौके का जायजा लिया और फिर अस्पताल में भर्ती घायल मरीजों से बातचीत कर उनका हाल जाना. इस बीच राजकोट के सिविल अस्पताल में भी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जहां कल की आग लगने की घटना में घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि दुखद घटना के बाद एक व्यक्ति अभी भी लापता है और उस व्यक्ति की तलाश करना हमारी जिम्मेदारी है. हम इसके लिए अधिकतम टीमें तैनात कर रहे हैं.. सांघवी ने यह भी बताया कि सभी अधिकारियों को कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.
प्लास्टिक में लपेटकर रखें गए थे फायर एक्सटिंग्विसर
राजकोट स्थित गेमिंग जोन में जब आग लगी तब अंदर की तरफ एक कोने में प्लास्टिक में लपेटकर फायर एक्सटिंग्यूसर रखे गए थे, जिसका वीडियो सामने आया है. अगर यही फायर एक्सटिंग्यूसर का इंस्टॉलेशन वक्त पर किया गया होता तो शायद इतने बड़े भीषण अग्निकांड को रोका जा सकता था. या फिर जब तक फायर ब्रिगेड की टीम नहीं आती तब तक आग को नियंत्रित करने में मदद मिल पाती. ये गेमिंग जोन साल 2021 में बनकर तैयार हुआ था, तब से अब तक कभी भी फायर एनओसी के लिए एप्लीकेशन तक नहीं की गई थी.
पीएम और राष्ट्रपति ने भी जताया शोक
इस बड़ी घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया. पीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'राजकोट में आग लगने की घटना से बेहद व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायलों के लिए प्रार्थना.स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है.'
वहीं राजकोट अग्निकांड को लेकर राहुल गांधी ने अपनी पीड़ा जाहिर की. उन्होंने लिखा, 'राजकोट में एक मॉल के गेमिंग जोन में लगी भयंकर आग से मासूम बच्चों समेत कई लोगों की मृत्यु का समाचार बहुत ही पीड़ादायक है. शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. सभी घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की आशा करता हूं.'
तीन गिरफ्तार
सरकार मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देगी. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राजकोट की घटना को त्रासदी बताया और इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है. इस बीच गुजरात पुलिस ने राजकोट गेम जोन के संचालक, मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
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इस अग्निकांड में कई लोग घायल हो गए हैं जिन्हें राजकोट के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है . राजकोट अग्निकांड के बाद गुजरात के डीजीपी ने पुलिस कमिश्नर और एसपी को राज्य के सभी गेम जोन का निरीक्षण करने और अग्नि सुरक्षा इजाजत के बिना चल रहे गेम जोन को बंद करने का निर्देश दिया है . काश, ये निर्देश पहले दिए गए होते और प्रशासन जाग रहा होता तो शायद ऐसी घटना से बचा जा सकता था.
2000 लीटर डीजल, 1500 लीटर पेट्रोल था स्टोर
टीआरपी गेम जोन में 1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा था. जिसकी वज़ह से आग इतनी फैली और पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया. गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. आज एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी जिसकी वज़ह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे.
शाम 4ः30 बजे मिली आग लगने की जानकारी
राजकोट के कलेक्टर प्रभाव जोशी ने कहा, 'फायर कंट्रोल रूम को गेम जोन में आग लगने के बारे में शाम करीब 4:30 बजे एक कॉल मिली. फायर टेंडर और एम्बुलेंस आग की लपटों को बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे. आग के कारण संरचना ढह गई थी जिसके मलबे को हटाया जा रहा है. जब यह हादसा हुआ तब गर्मी की छुट्टियों और सप्ताहांत के कारण बच्चों सहित कई लोग खेल खेल रहे थे और मौके पर मौजूद थे.'