
गुजरात की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संसदीय बोर्ड ने पहले ही साफ कर दिया था कि निकाय चुनाव में किसी भी नेता के परिजन को टिकट नहीं दिया जाएगा. वडोदरा के वाधोडिया से विधायक दबंग नेता मधु श्रीवास्तव के बेटे दीपक श्रीवास्तव को भी टिकट नहीं मिला तो विधायक पुत्र ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ही वार्ड नंबर 15 से नामांकन दाखिल कर दिया था.
वडोदरा के ही डभोई से विधायक शौलेष सोट्टा के करीबी आशीष ने दीपक के नामांकन पर आपत्ति दर्ज करा दी. आशीष ने कहा कि दीपक तीन बच्चों का पिता है. कारपोरेशन के नियमों के मुताबिक वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है. शिकायत पर सुनवाई चल ही रही थी, नामांकन को लेकर कोई फैसला भी नहीं हुआ था कि दीपक के समर्थक रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर में तोड़फोड़ करने लगे.
इस घटना के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने दीपक का नामांकन रद्द कर दिया. सूचना पाकर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा और हालात को नियंत्रित किया. पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
दरअसल, दीपक ने अपने नामांकन पत्र में दो ही बच्चों का जिक्र किया था. जबकि उनके तीन बच्चे हैं. तीन बच्चों का जिक्र करने की स्थिति में उनका नामांकन कारपोरेशन के नियमों के मुताबिक रद्द हो जाता.
बीजेपी के डभोई विधायक के करीबी ने इसकी शिकायत कर दी. दीपक श्रीवास्ताव ने अपनी जीत सुनिश्चित होने का दावा करते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के उम्मीदवार के साथ उनकी सीधी टक्कर हो रही थी. इसलिए उनका नामांकन रद्द कराने की साजिश की गई. विधायक मधु श्रीवास्तव ने कहा कि अगर सत्ता पक्ष मेरे बेटे को हटाने के लिए इतना कुछ कर सकता है तो मैं समझ सकता हूं कि वह कितना मजबूत दावेदार था. श्रीवास्तव ने सवाल पूछने पर मीडियाकर्मियों को भी जान से मारने की धमकी दी.