
देश में बढ़ रहे नाबालिगों के यौन शोषण के मामलों की गंभीरता को देखते हुए गुजरात के नवसारी की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने एक सौतेले पिता को अपनी नाबालिग बेटी से रेप का दोषी पाया और 20 साल की सख्त कैद की सजा और 50 हजार का जुर्माना सुनाया.
इस केस में फरियादी और नाबालिग की मां ने अपने प्रेमी को बचाने के लिए कोर्ट में झूठा एफिडेविट भी दिया था, लेकिन कोर्ट ने DNA रिपोर्ट के आधार पर सजा सुनाई. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत इस मामले में बेहद संवेदनशील है कि समाज में नाबालिगों का शोषण बढ़ता जा रहा है.
ऐसे में कोर्ट इन मामलों में जरा भी उदार दृष्टिकोण नहीं अपना सकता. अगर वयस्क युवती या महिला के साथ भी ऐसी घटना होती है तो उन्हें बताने में हिचक होती है, जबकि नाबालिग के लिए तो ये बेहद मुश्किल होता है कि ऐसी घटना को लेकर अपने किसी व्यक्ति को बताना और फिर पुलिस और कोर्ट के सामने वही बुरी यादों को बार-बार दोहराना.
पीड़िता की मां अपने पति से कई साल से अलग रह रही थी. इसी दौरान वह आरोपी सतीश से मिली और उसके साथ रहने लगी. हालांकि दोनों ने शादी नहीं की थी, लेकिन एक ही घर में पति-पत्नी की तरह रहते थे. उसके साथ महिला के 2 बच्चे भी रहते थे और सतीश को पापा कहते थे.
आरोपी सतीश ने अपनी प्रेमिका की 13 साल की बेटी के साथ रेप किया. और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा. इसके बाद आरोपी ने अपनी सौतेली बेटी के साथ 5-6 बार इस घटना को अंजाम दिया, जिसकी वजह से पीड़िता 4 महीने की प्रेग्नेंट हो गई. इसके बाद पीड़िता की मां ने अपने प्रेमी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि कोर्ट में केस चलने के दौरान वह मुकर गई और झूठा एफिडेविट लगा दिया, लेकिन कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट और पुलिस के सबूतों के आधार पर सौतेले पिता को 20 साल की कैद और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.