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गुजरात में जारी है रूठने का सिलसिला, कई MLA मंत्री पद के लिए बना रहे रूपाणी पर दबाव

सूत्रों की मानें तो इस बार चुनाव में मिली महज 99 सीट के चलते बीजेपी की रूपाणी सरकार जहां पहले से ही दबाव में हैं, वही विधायक अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बना रहे हैं.

विजय रूपाणी विजय रूपाणी
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद ,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:47 AM IST

गुजरात में बीजेपी की रूपाणी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. हाल में रूठे मत्स्य उद्योग मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी को किसी तरह मनाया गया, तो अब कुछ और विधायकों के मंत्री न बनाने को लेकर रूठे होने की खबरें आ रही हैं. सूत्रों का कहना है कि 14 जनवरी के बाद राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है.

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नाराज पुरुषोत्तम सोलंकी से खुद सीएम रुपाणी ने बात की थी और उन्हें 14 जनवरी के बाद मसला सुलझाने का भरोसा दिया है. सोलंकी ने कैबिनेट रैंक या अतिरिक्त मंत्रालय मांगे हैं. इन दोनों में से एक मांग को पूरा किया जा सकता है.  

इसके पहले दिग्गज पाटीदार नेता और डिप्‍टी सीएम नितिन पटेल वित्त, शहरी विकास और पेट्रोकेमिकल विभाग छिन जाने से नाराज चल रहे थे. आखिरकार पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने उनको फोन किया और उनको वित्त विभाग देकर मना लिया गया. इससे पहले वित्त विभाग सौरभ पटेल को दिया गया था. लेकिन, राजनीतिक संकट के समाधान के लिए उनसे यह विभाग लेकर नितिन को दे दिया गया.

सूत्रों के मुताबिक अब बीजेपी के चार विधायक नाराज हैं. वे सरकार में मंत्री पद चाहते हैं. इनमें से एक हैं पंचमहाल के विधायक जेठा भरवाड. जेठा भरवाड पंचमहाल के शहरा से पिछले 5 टर्म से चुनाव जीतते आ रहे है.  उनका कहना है कि अब वे आगे चुनाव नही लड़ना चाहते हैं और वे पार्टी के कार्यकर्ता बने रहना चाहते हैं. लेकिन उनके क्षेत्र लोगों की ये मांग है कि उन्हें मंत्री बनाया जाए. हालांकि, उन्होंने औपचारिक रूप से पार्टी से कोई मांग नही की है.

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जेठा भरवाड ने आजतक से कहा, 'मेरे क्षेत्र के लोगों की मांग है कि मुझे मंत्री बनाया जाए, लेकिन बीजेपी के साथ मैं वर्षों से जुड़ा हुआ हुं, मेरी ऐसी कोई मांग नही है.

सूत्रों की मानें तो इस बार चुनाव में मिली महज 99 सीट के चलते बीजेपी की रूपाणी सरकार जहां पहले से ही दबाव में हैं, वही विधायक अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. ऐसे में 14 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है. गौरतलब है कि राज्य में 27 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल महज 20 ही मंत्री हैं. इस प्रकार 7 जगह मंत्रिमंडल में अब भी खाली है.

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