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गुजरात: तीन निर्दलीय विधायकों ने दिया भाजपा को समर्थन, राज्य में और मजबूत हुई पार्टी

गुजरात में तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन भाजपा को दे दिया है. मावजी देसाई, धवलसिंह झाला और धर्मेंद्र वाघेला ये वो तीन विधायक हैं जिन्होंने अपना समर्थन भाजपा को दिया. इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने गुजरात के राज्यपाल से मुलाकात की और लिखित में पत्र देकर अपना समर्थन जाहिर किया. 

गुजरात में तीन निर्दलीय विधायकों ने दिया भाजपा को समर्थन गुजरात में तीन निर्दलीय विधायकों ने दिया भाजपा को समर्थन
सौरभ वक्तानिया
  • गांधी नगर,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST

गुजरात में सरकार बने अभी कुछ ही दिन हुए हैं. इस बार के चुनावों में भाजपा को रिकॉर्ड तोड़ जीत मिली. ऐसे में गुजरात में जीते तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन भाजपा को दे दिया है. भाजपा को समर्थन देने वाले तीन विधायक हैं मावजी देसाई, धवलसिंह झाला और धर्मेंद्र वाघेला. इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने गुजरात के राज्यपाल से मुलाकात की और लिखित में पत्र देकर अपना समर्थन जाहिर किया. 

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बता दें कि इन तीन में दो विधायक (देसाई और झाला) को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. वे निर्दलीय चुनाव लड़े और उन्होंने जीत दर्ज की. बीजेपी को इस बार कुल 182 सीटों में से 156 सीटें मिली हैं. 

निर्वाचित विधायकों ने ली शपथ

बीते दिन ही यानी सोमवार को नई सरकार में चुने गए विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ. इस दौरान 182 विधायकों को शपथ दिलाई गई. इस दौरान एक अनोखी तस्वीर सामने आई. जब नए एमएलए विधानसभा पहुंचे तो इन्हीं में शामिल बीजेपी विधायक संजय कोरडिया अपना सिर झुकाते हए विधानसभा भवन के सामने नतमस्तक हो गए. उनसे जब इस बारे में पूछा गया तो बोले- 'जैसे में मंदिर जाकर नतमस्तक होता हूं, वैसे भी यहां पर हुआ, मैं विधानसभा को मंदिर मानता हूं.'

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अन्य को मिली 4 सीटें

बता दें कि संजय कोरडिया जूनागढ़ से बीजेपी के टिकट पर पहली बार विधायक बने हैं. इस बार के चुनावी नतीजों पर नजर डाली जाए तो कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटों पर ही जीत मिल सकी और आम आदमी पार्टी ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं, चार सीटें अन्य के खाते में गई हैं.

तमाम कोशिशों के बाद भी फेल हुई AAP

इस बार के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भी जीत की भरपूर कोशिश की. लेकिन आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि संगठन के लिहाज से सीटें और वोटिंग परर्सेंटेज बढ़ना संजीवनी जैसा माना जा रहा है. इसे लेकर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया और अभूतपूर्व सफलता करार दिया. केजरीवाल ने रविवार को स्वीकार किया कि गुजरात में संगठन को खड़ा करना और 5 सीटें जीतना कितना मुश्किल कार्म था. केजरीवाल ने साफगोई से कहा- गुजरात सालों से भाजपा का गढ़ रहा है और वहां पांच सीटें जीतकर आना बैल से दूध निकालने जितना मुश्किल काम है.

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