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गुजरात: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए CGST के दो अधिकारी, जाल बिछाकर सीबीआई ने किया गिरफ्तार

सीबीआई ने जाल बिछाकर अधीक्षक को 75,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथ पकड़ा. वहीं इस ट्रैप कार्यवाही के दौरान, कथित रूप से अनुचित लाभ की मांग और स्वीकृति में में सीजीएसटी के ही सहायक आयुक्त की भूमिका भी पाई गई. इसके बाद उन्हें भी पकड़ा गया.A

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गुजरात के अंकलेश्वर से सीजीएसटी विभाग के एक अधीक्षक दिनेश कुमार और एक सहायक आयुक्त, यशवंत कुमार को 75,000 रुपये की कथित रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है. अपने अधिकार क्षेत्र के माध्यम से मोडासा से वापी तक माल के परिवहन के लिए शिकायतकर्ता से 75,000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में अंकलेश्वर के सीजीएसटी अधीक्षक खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.   आरोप यह भी है कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र में माल की नियमित आवाजाही के लिए 1.5 लाख रुपये के मासिक अनुचित लाभ की मांग की थी.

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सीबीआई ने जाल बिछाकर अधीक्षक को 75,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथ पकड़ा. वहीं इस ट्रैप कार्यवाही के दौरान, कथित रूप से अनुचित लाभ की मांग और स्वीकृति में में सीजीएसटी के ही सहायक आयुक्त की भूमिका भी पाई गई. इसके बाद उन्हें भी पकड़ा गया.
 
पकड़े जाने के बाद दोनों आरोपियों के घरों की तलाशी ली गई. इस दौरान अधीक्षक के घर से 1.97 लाख रुपये बरामद किए गए. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कंपीटेंट कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. फिलहाल उन्हें 14 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

रिश्वत न दे सका तो कराई घर की पुताई

बता दें कि कई बार रिश्वत के मामले सामने आते रहते हैं. हाल में दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में रिश्वतखोरी का बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था. यहां एक मजदूर जब तहसीलदार के दफ्तर में जमीन अपने नाम लिखवाने गया तो उससे लेखपाल ने 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की .जब मजदूर ने कहा कि वो इतने पैसे नहीं दे पाएगा तो लेखपाल ने बतौर रिश्वत मजदूर से अपने घर की पुताई करवा ली. बात यहीं खत्म नहीं हुई. पुताई का काम कराने के बाद भी लेखपाल ने उस मजदूर युवक का काम नहीं किया, जिससे परेशान होकर अब पीड़ित ने मोदीनगर के एसडीएम से उसकी शिकायत की है.

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