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बनासकांठा में बाढ़ का कहर, 60 से ज्यादा मौत, सीएम रुपानी ने डाला डेरा

प्रशासन पीड़ितों और बेघरों को राहत सामग्री पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. वहीं हालात का मुआयना करने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपानी खुद बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री रूपानी पांच दिनों तक राहत काम की निगरानी करेंगे.

बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचे सीएम विजय रूपानी बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंचे सीएम विजय रूपानी
गोपी घांघर
  • बनासकांठा, गुजरात ,
  • 30 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST

गुजरात में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है. बनासकांठा में तबाही का मंजर है. यहां अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. वहीं पूरे मानसून के दौरान गुजरात में मरने वालों का आंकड़ा 132 तक पहुंच गया है. हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री विजय रुपानी खुद बनासकांठा पहुंचे हैं.

बनासकांठा में हफ्तों बाद भी हालात काबू में नहीं आ पाए हैं. थरा, वाव, राधनपुर और धानेरा समेत कई इलाकों में अब भी बाढ़ का पानी भरा है. वहीं जिन इलाकों में पानी कम हुआ है, वहां तबाही का खौफनाक मंजर सामने आ रहा है. मीलों मील तक चौपट मैदान नजर आ रहे हैं. घरों की इमारत से लेकर फसल तक जमींदोज हो गए हैं. कुछ लोग अपना बचा हुआ सामान लेकर पालनपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

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स्कूलों में बने राहत कैंप

हालात इतने बदहाल हैं कि लोगों को छत नसीब नहीं हो रही है. स्कूलों में राहत कैम्प बनाए गए हैं, जहां लोग जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. हालांकि, प्रशासन पीड़ितों और बेघरों को राहत सामग्री पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. वहीं हालात का मुआयना करने के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपानी खुद बाढ़ प्रभावित इलाके में पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री रूपानी पांच दिनों तक राहत काम की निगरानी करेंगे.

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में भीषण बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने राहत बचाव के लिए 500 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था. वहीं बाढ़ के कारण जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की.

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