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अहमदाबाद के हाटकेश्वर पुल के रिकंस्ट्रक्शन में खर्च होंगे 52 करोड़

अहमदाबाद के हाटकेश्वर ब्रिज को रिकंस्ट्रक्शन का काम आने वाले 15 दिनों में शुरू किया जाएगा. इस ब्रिज को रिकंस्ट्रक्शन का खर्च 52 करोड़ रुपये होगा. साल 2017 में 42 करोड़ की लागत से बनाया गया. हाटकेश्वर ब्रिज सिर्फ 5 साल में जर्जर हो गया. इस वजह से साल 2022 से आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है.

रिकंस्ट्रक्शन किया जाएगा हाटकेश्वर ब्रिज रिकंस्ट्रक्शन किया जाएगा हाटकेश्वर ब्रिज
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:03 PM IST

अहमदाबाद में साल 2022 से जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज बंद है. उसके बाद इस ब्रिज को तोड़ गिराने के लिए अब तक 4 बार टेंडर निकाला गया है. अहमदाबाद नगर निगम के टेंडर की यह कहानी भी काफी दिलचस्प रही क्योंकि, इस जर्जर ब्रिज को तोड़ गिरने के लिए जारी किए गए पहले दो बार में किसी भी कांट्रेक्टर ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया था.

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तीसरी बार जब टेंडर निकाला गया तो महाराष्ट्र के एक कांट्रेक्टर ने टेंडर तो भरा लेकिन अंत में वह भी खिसक गया तो मजबूरन इस  ब्रिज को गिराने के लिए चौथी बार नगर निगम ने टेंडर निकाला और आख़िरकार राजस्थान के कांट्रेक्टर विष्णुप्रसाद पुंगलिया ने 52 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर भरकर इस ब्रिज को तोड़ने के लिए इंटरेस्ट दिखाया हुआ है. जिसके बाद आखिरकार अब हाटकेश्वर ब्रीज तोड़े जाने की उम्मीद बनी है.

तोड़ने के लिए चार बार निकाला गया टेंडर
अहमदाबाद नगर निगम के लिए गले की फांस बन चुका अहमदाबाद का जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज पिछले 2 साल से पूरी तरह से बंद है. इस ब्रिज का निर्माण साल 2017 में अजय इन्फ्रा नाम की कंपनी द्वारा 42 करोड़ की लागत से किया गया था. तब अजय इन्फ्रा का दावा था कि, इस ब्रिज की आयु 100 साल की होगी. लेकिन ब्रिज निर्माण के मात्र 5 साल में ही इस ब्रिज की मजबूती पर सवाल उठने शुरू होने के बाद इस ब्रिज का स्टेबिलिटी टेस्ट करवाया गया था.

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पांच साल में ही जर्जर हुआ ब्रिज
अलग अलग एंजेसी द्वारा दिए गए रिपोर्ट के मुताबिक इस ब्रिज के निर्माण में हल्की गुणवत्ता के मटेरियल इस्तेमाल होने की स्पष्टता के बाद ब्रिज को आवाजाही के लिए संपूर्ण तौर पर बंद करने का फैसला लिया गया था. हाटकेश्वर ब्रिज बनाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था.

42 करोड़ आई थी निर्माण लागत
साल 2017 में 42 करोड़ की लागत से बना हुआ हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने का खर्च 52 करोड़ रुपये होने का अंदाज है. नियमों के मुताबिक अब यह खर्च साल 2017 में ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी अजय इन्फ्रा से ही वसूला जाएगा.

निर्माण एजेंसी से होगी वसूली
अहमदाबाद नगर निगम के चेयरमैन देवांग दानी ने आजतक से कहा कि हाटकेश्वर ब्रिज जर्जर होने की वजह से पिछले दो सालों से बंद था. ब्रिज की स्टेबिलिटी रिपोर्ट के मद्देनजर हमने ब्रिज बनाने वाली अजय इन्फ्रा नाम की कंपनी को ब्लैकलिस्ट तब ही कर दिया था. 

चेयरमैन ने बताया कि दो साल से इस ब्रिज को तोड़ने के लिए नगर निगम ने अब तक चार बार टेंडर निकाला, लेकिन तीन बार किए गए टेंडर में कोई कंपनी जर्जरित ब्रिज तोड़ने को तैयार नहीं हुआ. आख़िरकार चौथी बार सारी प्रक्रिया को करते हुए फिर एक बार टेंडर निकाला गया. अब राजस्थान की कंपनी ने 52 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर लेकर जर्जर ब्रिज को तोड़ने के लिए तैयारी है.

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अगले दो हफ्ते में तोड़ने का काम शुरू हो जाएगा.
अगले दो हफ्ते में सारे नियमों के मुताबिक ब्रिज तोड़ने के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा. इस ब्रिज को तोड़ने के लिए 18 महीने का समय लगेगा. जिसके लिए होने वाला खर्च इस ब्रिज को बनाने वाली कंपनी अजय इन्फ्रा से वसूला जाएगा.

पुल के कारण लोगों को हो रही परेशानी
अहमदाबाद का हाटकेश्वर ब्रिज  होने की वजह से पिछले दो सालों से बंद है. इसकी वजह से आसपास के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोग सबसे ज़्यादा परेशान हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को पिछले दो साल में 20 से ज्यादा आवेदन दे चुके हैं.  कई बार धरना प्रदर्शन किया गया है. लेकिन यह भ्रष्टाचार का ब्रिज ऐसे ही जर्जर हालत में पिछले दो साल से खड़ा है. इस ब्रिज की वजह से सर्विस रोड पर लोग चलकर आवाजाही तक नहीं कर पाते. ट्रैफ़िक जाम से हर कोई परेशान है. 

अपडेट- शुरुआती जानकारी के आधार पर इस स्टोरी में पहले 52 करोड़ का खर्च पुल तोड़ने के लिए बताया गया था. इसपर बाद में प्रशासन की सफाई आई है. नई जानकारी के मुताबिक, 52 करोड़ का खर्च पुल तोड़ने के लिए नहीं बल्कि पुल के पुनर्निमाण के लिए होगा, जिसमें पुल को तोड़ना और दोबारा बनाना दोनों शामिल हैं. खबर को नई जानकारी के अनुसार बाद में अपडेट किया गया है. विस्तृत जानकारी के लिए यहां पढ़ें.

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