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राष्ट्रवाद के साथ व्यवसाय भी....गुजरात के लिए बड़ा अवसर बना 'हर घर तिरंगा' अभियान

गुजरात में हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर काम शुरू हो चुका है. एक तरफ तापी जिला के वन विभाग को तकरीबन 5.70 लाख बांस के स्टिक बनाने का ऑर्डर मिला है तो सूरत में साड़ी व्यापारी अब साड़ियों के साथ तिरंगा मुफ्त बांट रहे हैं.

गुजरात के लिए बड़ा अवसर बना 'हर घर तिरंगा' अभियान गुजरात के लिए बड़ा अवसर बना 'हर घर तिरंगा' अभियान
संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 14 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:33 AM IST
  • वन विभाग को 5.70 लाख बांस के स्टिक बनाने का ऑर्डर
  • सूरत में साड़ी व्यापारियों ने फ्री में बांटने शुरू किए तिरंगे

आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित हर घर तिरंगा अभियान ने सूरत के कपड़ा व्यापारियों को तो अच्छा व्यापार दिया ही है, साथ ही दक्षिण गुजरात के आदिवासी समाज को भी इस अभियान के तहत रोजगारी मिली है. आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान को लेकर सूरत और तापी जिला के वन विभाग को तकरीबन 5.70 लाख बांस के स्टिक बनाने का ऑर्डर मिला है .

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हर घर तिरंगा अभियान के तहत आदिवासी समाज के कोटवाडीया समाज के लोगों को नए रोजगारी के अवसर प्राप्त हुए हैं .आदिवासी समाज से आने वाला कोटवाडिया समाज जो कि बांस की लकड़ी से तरह-तरह के सामान बनाने में माहिर है . लिहाज़ा इस समाज के लोगों को ही तिरंगा में उपयोग होने वाली स्टिक बनाने के लिए चुना गया है. कोटवाडिया समाज के लोग वर्षों से बांस की लकड़ी में अपनी कला का प्रदर्शन कर नई नई चीजें बनाकर रोज़गार पा जा रहे हैं.

तिरंगे की मांग ने बढ़ाया बांस का बिजनेस

हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोग अपने निवास स्थान, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी और अर्ध सरकारी इमारतों पर जब तिरंगा लहराएंगे तो उसे लहराने के लिए स्टिक की बहुत जरूरत होगी. इसे ध्यान में रखते हुए सूरत जिला पंचायत की तरफ से दक्षिण गुजरात के सूरत वन विभाग को कुल 70 हज़ार बांस की स्टिक बनाने का ऑर्डर मिला है. इस आर्डर को पूरा करने के लिए कोटवाडिया समाज के लोग फिलहाल बांस से स्टिक बनाने का काम कर रहे हैं. इस समाज की महिलाएं और पुरुष बांस की स्टिक बनाने में जुटे हुए हैं.

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सूरत और तापी वन विभाग को मिलाकर 5.70 लाख ऑर्डर मिलने के बाद इस व्यवसाय से जुड़े आदिवासियों के लिए अच्छे दिन आए हैं. सरकार ने देश में करीब 20 करोड़ घरों पर तिरंगा लहराने का लक्ष्य रखा है. गुजरात में भी एक करोड़ घरों पर तिरंगा लहराने का आह्वान मुख्यमंत्री की ओर से किया गया है. सूरत जिले की मांडवी, मांडवी दक्षिण, उत्तर उमरपाड़ा, मांगरोल और वांकल रेंज में 300 जितने आदिवासी कोटवाडिया समाज के लोग बांस से स्टिक बनाने का व्यवसाय करते हैं जिन्हें इस कार्य में जोड़ा गया है. बांस कटाई के समय जो बांस निकलते हैं उन्हें कोटवाडिया समाज के लोगों को नि:शुल्क दे दिया जाता है. इससे कोटवाडिया समाज के लोग अलग-अलग चीजें बनाकर उसे बेचकर अपना गुजारा चलाते हैं. तापी जिले के नायब वन संरक्षक आनंद कुमार ने बताया कि तापी जिले से पांच लाख बाम्बू स्टिक का ऑर्डर मिला है. 

सूरत में साड़ी व्यापारियों की अनोखी पहल

वैसे सूरत के साड़ी व्यापारियों ने भी हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. बड़ी बात ये है कि कई व्यापारी इस समय हर साड़ी के साथ एक तिरंगा फ्री दे रहे हैं. पैकिंग भी इस अंदाज में की जा रही है जिसमें पहले साड़ी और फिर उसके साथ एक तिरंगा रखा जा रहा है. इस बारे में व्यापारी गोविंद गुप्ता बताते हैं कि केंद्र सरकार के हर घर तिरंगा अभियान को अपनी तरफ से सफल बनाने के लिए यह कदम उठाया है.  व्यापार के साथ 1 लाख तिरंगा भेजने का संकल्प उनके द्वारा लिया गया है. संकल्प साड़ी के नाम से कारोबार करने वाले गोविंद गुप्ता देश के कई राज्यों में फुटकर साड़ी विक्रेताओं के यहां माल भेजते हैं और वहां से साड़ी खरीदने वाले ग्राहक खरीदारी करते हैं . इस विशेष पैकिंग को लेकर गोविंद गुप्ता ने उन फुटकर विक्रेताओं से भी बात कर ली है और साड़ी के साथ तिरंगा फ्री में ग्राहकों को देने के लिए कहा गया है 

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