
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को अहमदाबाद सेशन कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल और 17 दूसरे लोगों के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, ऐसे में हार्दिक पटेल और उनके साथियों पर दर्ज हुआ मामला अब वापस हो सकता है. हार्दिक ने भी ट्वीट कर इसे सत्य की जीत बता दिया है.
अब जानकारी के लिए बता दें कि साल 2017 में हार्दिक पटेल और 17 अन्य लोगों पर तोड़फोड़, उपद्रव फैलाने का आरोप लगा था. तब नगर पार्षद परेश पटेल ने रमोल पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी और कहा था कि भीड़ द्वारा उनके घर पर आधी रात को हमला किया गया. उनकी नेमप्लेट और घर में लगा झंडा जला दिया गया. आरोप ये भी लगा कि भीड़ द्वारा परेश पटेल के परिवार को गालियां दी गईं. उस समय शिकायत के आधार पर पुलिस ने हार्दिक पटेल और उनके साथियों पर केस दर्ज कर लिया था.
हाल ही में मेट्रोपॉलिटन अदालत में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन वहां उस याचिका को ही खारिज कर दिया गया. उस फैसले को फिर चुनौती दी गई और मामला अहमदाबाद सेशन कोर्ट के पास पहुंच गया. अब यहां हार्दिक पटेल को बड़ी राहत मिल गई है. यहां पर ये भी जानना जरूरी है कि हार्दिक पर इस समय सूरत और अहमदाबाद में राष्ट्रद्रोह के मामले भी दर्ज हैं. अब क्या राज्य सरकार उन्हें भी वापस लेती है या नहीं, ये अभी साफ नहीं है.
वैसे हार्दिक पटेल की राजनीति भी इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीच-बीच में उनकी कांग्रेस से नाराजगी, कुछ मुद्दों पर बीजेपी की तारीफ और पिता के पुण्यतिधि कार्यक्रम में सीएम से लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को न्योता देने ने अटकलों के बाजार को गर्म करने काम किया है. आजतक से बात करते हुए हार्दिक कह चुके हैं कि अगर कोई बच्चा गलती करता है तो उसे समझाना किसी भी बड़े का दायित्व होता है. इशारों में उन्होंने ये भी साफ कर दिया था कि बातचीत के जरिए तमाम विवादों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.
इस सब के अलावा वे पिछले कई दिनों से लगातार खुद को सबसे बड़ा हिंदू बता रहे हैं. कह रह रहे हैं कि उनसे बड़ा हिंदू कोई दूसरा नहीं हो सकता है. हाल ही में उन्होंने जामनगर में शिक्षा मंत्री जीतू वघानी के साथ मंच भी साझा किया था. वे वहां पर गए तो एक कार्यक्रम के लिए थे, लेकिन बीजेपी नेता के साथ उनका दिखना फिर चर्चा का विषय बना. अभी तक इस मामले में ना बीजेपी खुलकर कुछ बोल रही है और ना ही हार्दिक स्पष्ट इशारा कर रहे हैं.