
अहमदाबाद का हाटकेश्वर ब्रिज 2017 में 42 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ. मगर, महज 5 साल यानी 2022 में जर्जर हो जाने के कारण हाटकेश्वर ब्रिज का रिकंस्ट्रक्शन किया जाएगा. इस ब्रिज के पुनर्निर्माण और रिकंस्ट्रक्शन के लिए अहमदाबाद नगर निगम द्वारा चौथी बार जारी किए गए टेंडर के मुताबिक इसकी लागत 52 करोड़ रुपये आएगी, जिसे साल 2017 में इस ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी से वसूला जाएगा.
अहमदाबाद नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने 'आजतक' को बताया कि अहमदाबाद नगर निगम ने हाटकेश्वर ब्रिज डैमेज होने की वजह से बंद किया था. इस ब्रिज को पुनर्निर्माण के लिए तीन बार टेंडर निकाला गया था. तीनों टेंडर नील आए थे. इस ब्रिज को तोड़ने और उसके बाद नया बनाने के लिए प्रयास जारी रखते हुए चौथी बार नगर निगम ने टेंडर जारी किया था. चौथी बार जब हमने टेंडर निकाला तब ब्रिज को तोड़ने के लिए राजस्थान की कंपनी तैयार हुई है. सारी प्रक्रियाओं को 15 दिन में पूर्ण करके हम आने वाले डेढ़ साल में यह ब्रिज नए रूप से तैयार करेंगे. जर्जर ब्रिज बनाने वाले कांट्रेक्टर से ही नया ब्रिज का खर्च वसूल किया जाएगा.
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'ब्रिज का उद्घाटन 30 नवंबर 2017 को हुआ था'
पिछले 2 साल से बंद अहमदाबाद का जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज को लेकर अहमदाबाद नगर निगम के नेता विपक्ष शहेजाद खान पठान ने 'आजतक' से कहा, हाटकेश्वर ब्रिज इंजीनियरिंग और भ्रष्टाचार का नमूना है. अजय इन्फ्रा कंपनी द्वारा बनाए गए इस ब्रिज का उद्घाटन 30 नवंबर 2017 को हुआ था और मार्च 2021 में ब्रिज पर गड्डा पड़ने की वजह से पहली बार कुछ दिनों के लिए बंद किया गया था. अगस्त 2022 में किए गए स्टेबिलिटी रिपोर्ट में इसे जर्जर पाने के बाद पूरी तरह से बंद किया गया. शहेजाद खान पठान ने कहा, पहले 42 करोड़ में बनाए गए ब्रिज के लिए दोबारा 52 करोड़ का खर्च किया जा रहा, जिसका मतलब है यह ब्रिज की कीमत महज 5 साल में 94 करोड़ हो रही है. हमारी मांग है कि यह ब्रिज बनाने का खर्च अजय इन्फ्रा यानी साल 2017 में ब्रिज बनाने वाली कंपनी से ही वसूला जाए.
'नेता विपक्ष शहेजाद खान का हमला'
बता दें कि, अहमदाबाद नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी द्वारा जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज पर दोबारा होने वाले खर्च का मूल्यांकन अभी भी जारी होने की बात कही थी. जिसके बाद इसे और स्पष्ट करते हुए गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने X पर कहा, हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़कर बनाने का खर्चा 52 करोड़ रुपये होगा. यह खर्च पुराने ब्रिज बनाने वाली कंपनी से ही वसूला जाएगा. जिस पर नगर निगम के नेता विपक्ष शहेजाद खान पठान ने कहा कि, जो ब्रिज का वर्क ऑर्डर साल 2015 में हुआ, तब उसकी लागत 42 करोड़ थी. अब कैसे इस ब्रिज को तोड़कर बनाने का खर्च 52 करोड़ रुपये ही हो रहा है? अहमदाबाद में बन रहे नए सारें ब्रिज का खर्च 100 करोड़ रुपये तक हो रहा है. अगर ब्रिज 52 करोड़ में तोड़कर बनाया जा सकता है, तो बाकी 100 करोड़ में बनाए जा रहे ब्रिज को भी इतने ही खर्च में क्यों नहीं बनाया जा सकता, क्यों नए ब्रिज के निर्माण में 100 करोड़ तक का खर्च हो रहा है?
अहमदाबाद नगर निगम के नेता विपक्ष शहेजाद खान पठान ने कहा, पिछले दो साल से जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज बंद है. नगर निगम की पिछले दो साल से लाचारी दिख रही है. बीजेपी के राज में नगर निगम में बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है. ब्रिज बनाने वाली अजय इन्फ्रा समेत जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ दो साल तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया. अगर इस ब्रिज को बनाने में भ्रष्टाचार नहीं हुआ होता, तो इसे तोड़ना ही नहीं पड़ता. अजय इन्फ्रा नाम की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करके अब बंद कर दी गई है.
पुल के कारण लोगों को हो रही परेशानी
अहमदाबाद का हाटकेश्वर ब्रिज होने की वजह से पिछले दो सालों से बंद है. इसकी वजह से आसपास के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोग सबसे ज़्यादा परेशान हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को पिछले दो साल में 20 से ज्यादा आवेदन दे चुके हैं. कई बार धरना प्रदर्शन किया गया है. लेकिन यह भ्रष्टाचार का ब्रिज ऐसे ही जर्जर हालत में पिछले दो साल से खड़ा है. इस ब्रिज की वजह से सर्विस रोड पर लोग चलकर आवाजाही तक नहीं कर पाते. ट्रैफ़िक जाम से हर कोई परेशान है.