
गुजरात के राजकोट में एक युवक की मौत के मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, दो महीने पहले एक युवक की एक गोदाम में मौत हो गई थी. पुलिस ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताई थी. वहीं अब घटना का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है उसमें मौत की वजह कुछ और ही नजर आ रही है.
राजकोट में दो महीने पहले एक युवक की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, 1 मई को नवागाम के एक गोदाम में 17 साल के हर्षिल गोरी नाम के युवक की मौत हो गई थी. पुलिस ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था. अब इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इस वीडियो में युवक की मौत की वजह कुछ और ही नजर आ रही है.
युवक की मौत का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आने के उसमें मौत की वजह चौंकाने वाली निकली है. साथ ही फुटेज पुलिस के दावे को भी गलत साबित करती दिख रही है. दरअसल, सीसीटीवी फुटेज में मृतक युवक को उसका साथी कुछ फेंककर मारता दिख रहा है. ऐसे में पुलिस की उस रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसमें युवक की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है.
युवक की मौत बनी पहेली
मिली जानकारी के अनुसार राजकोट के नवागाम के एक गोडाउन में 17 साल के हर्षिल गोरी की मौत हो गई थी. वहीं युवक की मौत पर परिजनों को पुलिस ने मौत होने का कारण हार्ट अटैक बताया था. अब जब इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने पर तो पुलिस के दावे पर भी सवाल उठ रहे हैं और युवक की मौत पहेली बनकर रह गई है.
सीसीटीवी फुटेस से स्पष्ट हुआ कि हर्षिल की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई, बल्कि गोडाउन में हर्षिल के साथ काम करने वाले सुशील आहिर समेत दो लोगों ने उसकी हत्या की थी. वहीं परिजनों का आरोप है कि हर्षिल की हत्या को कुवाडेवा रोड पुलिस ने हार्ट अटैक बताकर मामले की पूरी जांच ही नहीं की थी.
सामने आई पुलिस की लापरवाही
इस पूरे मामले में बताया ये भी जा रहा कि, पोस्टमार्टम में यह जानकारी दी गयी थी कि युवक की मौत ब्रेन हेमरेज के कारण से या हार्ट फेल्योर की वजह से हुई है. वहीं परिवार वालों का पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने उनसे मौत की वजह सिर्फ हार्ट अटैक ही बताई थी.
जिसके बाद इस पूरे मामले में कुवाड़वा पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. आखिर पुलिस ने इस मामले को हत्या के एंगल से जांच क्यों नहीं की? वहीं मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि 3 जुलाई को उन्होंने पुलिस कमिश्नर से अपने बेटे की हत्या की आशंका व्यक्त की थी. इस बावजूद पुलिस की तरफ से कोई जांच नहीं की गई थी.