
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को पोरबंदर जिले के माधवपुर घेड गांव में मेले का उद्घाटन किया. साथ ही वह स्थानीय माधवराय मंदिर द्वारा आयोजित रथयात्रा में शामिल होने के लिए भी वहां पहुंचे. गुजरात के पोरबंदर से महज 60 किमी. की दूरी पर माधवपुर (घेड) है. समुद्री किनारे बसे इस छोटे से गांव के मेले में शामिल होने लोग दूर-दूर से आते हैं. यह न सिर्फ एक मेला है बल्कि एक ऐतिहासिक जगह भी है.
कहा जाता है कि यहां पर रामनवमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मणी से साथ विवाह रचाया था और विवाह का साक्षी माधवपुर गांव था. स्थानीय माधवराय मंदिर इस मौके पर उत्सव मनाने के लिए रथयात्रा का आयोजन करता है. इसी रथयात्रा में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी यहां पहुंचे और उन्होंने माधवपुर मेले का उद्घाटन किया.
गुजरात के लोग परंपरा-आधुनिकता के साथ आगे बढ़ रहे
मेले का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता होती है कि गुजरात के उद्यमशील लोग परंपरा और आधुनिकता में तालमेल बैठाकर आगे बढ़ते रहते हैं. माधवपुर घेड मेले का आयोजन, भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का महोत्सव है.
पांच दिन तक चलेगा मेला
रामनवमी के दिन इस मेले को आयोजित किया जाता है लेकिन पिछले दो साल से कोरोना की वजह से यहां पहले जैसा माहौल नहीं बन पा रहा था. इस साल गुजरात पर्यटन विभाग ने मेले के आयोजन को भव्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. यह मेला 5 दिनों तक चलेगा. सौराष्ट्र के ज्यादातर क्षेत्र के लोग इस मेले में शामिल होने आते हैं. वहीं गुजरात टूरिज्म ने ट्वीट कर माधवपुर मेले में शामिल होकर इसकी भव्यता का लुत्फ उठाने के लिए लोगों से आमंत्रित किया है.