Advertisement

सेना ने डाक से भेजा शौर्य चक्र, मेडल लौटाकर बोले शहीद के पिता- ये बेटे की शहादत का अपमान

लांस नायक गोपाल सिंह कश्मीर में शहीद हुए थे. उनके घर कूरियर से शौर्य चक्र भेजा गया. जिसे उनके पिता ने वापस कर दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह सम्मान भेजकर बेटे की शहादत का अपमान किया गया. गोपाल मुंबई में 26/11 के आंतकी हमले के दौरान उनकी बहादुरी के लिए विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित हुए थे.

शहीद के माता-पिता शहीद के माता-पिता
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:47 PM IST

साल 2017 में कश्मीर में शहीद हुए लांस नायक गोपाल सिंह के घर सेना ने कूरियर से शौर्य चक्र भेजा. जिसे शहीद के पिता ने यह कहते हुए लौटा दिया कि इस सम्मान को कूरियर से भेजकर बेटे की शहादत का अपमान किया गया है.

अहमदाबाद के रहने वाले शहीद के पिता मुकीम सिंह भदौरिया ने कूरियर के जरिए पहुंचाए गये शौर्यचक्र को भारतीय सेना को वापस भेज दिया है. उन्होंने कहा बेटे की शहादत का पुरस्कार सम्मान के साथ मिलना चाहिए. इसके लिए जितना भी वक्त लगे हम इंतजार करेंगे. इससे पहले गोपाल को मुबई में 26/11 के आंतकी हमले में उनकी बहादुरी के लिए विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया था. लेकिन इस बार कूरियर से सम्मान भेजकर अपमान किया गया है.

Advertisement

मुकीम सिंह के बेटे लांस नायक गोपाल सिंह कश्मीर घाटी में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए थे. जिसके बाद सेना ने उनकी वीरता के लिए शौर्य चक्र देने की घोषणा की थी. लेकिन गोपाल का उनकी पत्नी के बीच चल रहे तलाक के केस के चलते मुकीम सिंह ने सेना से अवॉर्ड होल्ड पर रखने के लिए कहा था. जिसे सेना ने स्वीकार कर लिया था. वहीं, सम्मान कूरियर से पहुंचने पर मुकीम ने कहा कि यह सम्मान आधा-अधूरा है.

मुकीम का कहना है कि गोपाल सिंह का पत्नी के साथ चल रहे विवाद में कोर्ट ने 2021 में अपना फैसला सुनाया. जिसमें शौर्य पुरस्कार को माता-पिता को देने का फैसला किया गया. जिसके बाद भारतीय सेना की ओर से भरोसा दिया गया कि उन्हें शौर्य चक्र अवॉर्ड अब मिलेगा. लेकिन कुछ वक्त पहले उनके पास एक पत्र आया. जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति के हाथों अवॉर्ड नहीं मिल सकता है. इसी बीच 5 सितंबर को भारतीय डाक के जरिये अवॉर्ड भेज दिया गया. मुकीम सिंह ने कहा कि बेटे को पूरे सम्मान के साथ पुरस्कार मिलना चाहिए.

Advertisement

वहीं, इस मामले में सेना के सूत्रों का कहना है कि अगर शहीद का परिवार अवॉर्ड सेरेमनी में आकर सम्मान नहीं ग्रहण करता है तो उसे पोस्ट(कूरियर) के जरिए ही भेजा जाता है. उक्त मामले में भी शहीद के परिवार से कोई नहीं पहुंचा था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement