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क्या बीजेपी की 'B टीम' है शंकर सिंह वाघेला की जनविकल्प पार्टी?

वाघेला 2017 के चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं. वो यह बखुबी जानते हैं कि, गुजरात में तीसरा मोर्चा कभी चला नहीं है. 1998 में जब वो 'राष्ट्रीय जनता पार्टी' लेकर आए थे तो वो भी चुनाव में नहीं टिक पाई थी. अब देखना यह होगा कि तीसरे मोर्चे के तौर पर उनका जनविकल्प कितना टीक पाता है.

शंकर सिंह वाघेला. शंकर सिंह वाघेला.
आदित्य बिड़वई/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद.,
  • 21 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST

कांग्रेस छोड़ अपनी नई पार्टी 'जनविकल्प' बना चुके गुजरात के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला ने आज अपने गांव वासनिया से महादेव के दर्शन कर चुनाव प्रचार की शुरुआत की. शंकरसिंह वाघेला का कहना है कि, "जनविकल्प एक ऐसा मोर्चा है, जो आम आदमी का चहेरा होगा और लोग प्रतिनिधि के तौर पर इस मोर्चे से जुड़ेंगे."

हालांकि, वाघेला 2017 के चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं. वो यह बखुबी जानते हैं कि, गुजरात में तीसरा मोर्चा कभी चला नहीं है. 1998 में जब वो 'राष्ट्रीय जनता पार्टी' लेकर आए थे तो वो भी चुनाव में नहीं टिक पाई थी. अब देखना यह होगा कि तीसरे मोर्चे के तौर पर उनका जनविकल्प कितना टीक पाता है.

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राजनीतिक जानकारों की मानें तो वाघेला की पार्टी भाजपा की बी टीम है. दरअसल, पिछले कई सालों में भाजपा विरोधी लहर गुजरात में बन रही है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिलने की बातें कही जा रही है. ऐसे में यदि जनविकप्ल मोर्चा खड़ा होता है तो विरोधी लहर से कांग्रेस को मिलने वाला फायदा बंट जाएगा और यह बीजेपी के लिए गेम चेंजिंग साबित हो सकता है.

हालांकि, शंकरसिंह वाघेला का कहना है कि, जनता ने कांग्रेस को 20 साल तक सत्ता में देखा और भाजपा को भी देख चुकी है. अब जनता दोनों पार्टियों से नाराज है. इसीलिए वो जन प्रतिनिधि बन इस चुनावी मैदान में उतर रहे हैं, जो किसी भी पार्टी की बी टीम नहीं है.

साफ है कि राजनीति में कोई कायमी दूशमन ओर दोस्त नहीं होता है, अगर शंकरसिंह वाघेला का जनविकल्प कारगर साबित होता है, तो आने वाले दिनो में यह बीजेपी ओऱ कांग्रेस दोनों के लिये मजबूरी जरुर बन जाएगा. 

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