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अहमदाबाद: फर्जी डॉक्टर बन चला रहा था मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, प्रशासन ने किया सील

मरीज का इलाज करते समय फर्जी डॉक्टर का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह मरीज का इलाज करता दिखाई दे रहा था. यह वीडियो मरीज के परिवार ने बनाया था. जिनकी बेटी को इलाज के लिए अनन्या मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल एडमिट किया गया था, बाद में उसकी मौत हो गई हुई थी. 

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अतुल तिवारी
  • अहमदाबाद,
  • 11 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

अहमदाबाद जिले के बावला तालुका के केराला गांव में अवैध तरीके से मेडिकल की प्रैक्टिस करने वाले फर्जी डॉक्टर का पर्दाफाश हुआ है. साथ ही में अनन्या मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल को सील कर दिया गया है. जिले के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेश परमार ने ये कार्रवाई की है.

डॉक्टर बनकर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल चला रहा था
आम तौर पर फर्जी डॉक्टर सामान्य क्लिनिक चलाया करते हैं, लेकिन अहमदाबाद में बावला तालुका के केराला गांव में मेहूल चावड़ा नाम का व्यक्ति फर्जी डॉक्टर बनकर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल चला रहा था. इलाज के नाम पर लाखों रुपये की कमाई करके यह फर्जी डॉक्टर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा था.

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वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई
मरीज का इलाज करते समय फर्जी डॉक्टर का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह मरीज का इलाज करता दिखाई दे रहा था. यह वीडियो मरीज के परिवार ने बनाया था. जिनकी बेटी को इलाज के लिए अनन्या मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल एडमिट किया गया था, बाद में उसकी मौत हो गई हुई थी. 

इस वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिए जाने पर CDHO डॉक्टर शैलेश परमार की अगुवाई में टीम पुलिस के साथ जांच करने अनन्या मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल पर रेड करने पहुंची थी. जांच के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया है.

अस्पताल पर रेड हुई तो 5 मरीज भर्ती थे
अनन्या मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की बात करें तो फर्जी डॉक्टर 15 बेड की अस्पताल चला रहा था. बताया जा रहा है कि मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेश परमार ने जब अस्पताल पर रेड की तब पांच मरीज एडमिट थे. पांचों मरीजों को एम्बुलेंस के माध्यम से दूसरी अस्पताल में शिफ्ट करवाया गया है. 

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इस दौरान CDHO ने कहा, अनन्या मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में से विजिटिंग कार्ड और अस्पताल की फाइल हाथ लगी. दोनों पर किसी भी डॉक्टर का नाम नहीं लिखा गया था. स्टाफ को भी डॉक्टरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में देखना यह होगा कि अस्पताल को सील करने के बाद इस अस्पताल को बनाने और बिना डिग्री मरीजों का इलाज करने वाले फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.

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