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Gujarat: सिर्फ कागजों पर शराबबंदी! 2 साल में पकड़ी गई 215 करोड़ की लिकर

एक तरफ गुजरात में शराबबंदी है. राज्य ड्राई स्टेट है तो वहीं दूसरी तरफ हाल ही में जहरीली शराब पीने से प्रदेश में 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 70 से ज्यादा लोग अस्पातल में भर्ती हैं. सरकार के आंकड़ों को देखें तो पिछले 2 सालों में 215 करोड़ से ज्यादा की विदेशी शराब पकड़ी गई है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

जहरीली शराब पीने की वजह से गुजरात में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 70 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. गुजरात में शराबबंदी के बावजूद बेरोकटोक शराब की बिक्री पर गुजरात पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. आज राजकोट, सूरत जैसे शहरों में अवैध तौर पर बनने वाली शराब के ठिकानों पर रेड की गई और बड़े पैमाने पर अवैध शराब का जत्था बरामद किया गया.

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दरअसल, गुजरात में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है. अगर विधानसभा में गुजरात सरकार के जरिए दिए गए आंकड़ों पर गौर करें तो डाटा चौंकाने वाला है. गुजरात सरकार ने 2 मार्च 2022 को गुजरात विधानसभा में आधिकारिक तौर पर कहा था कि गुजरात सरकार ने पिछले दो साल में 215 करोड़ 62 लाख 52 हजार 275 रुपये की विदेशी शराब जब्त की है. वहीं, 4 करोड़ से ज्यादा कीमत की देशी शराब और 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की बीयर बरामद की हैं. पिछले दो साल में 606 करोड़ की शराब और ड्रग्स बरामद किया गया है.

कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर का कहना है कि गुजरात में हर साल बिना किसी रोकटोक शराब बिकती है. यहां शराब बंदी सिर्फ कांगजों तक सीमित है. उन्होंने सवाल किया कि इतना बड़ा हादसा हो गया फिर भी शराब के मामले में गुजरात की बीजेपी सरकार चुप क्यों हैं?

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जगदीश ठाकोर ने आगे कहा कि गुजरात में शराब बंदी होने के बाद भी इतना बड़ा हादसा हो जाता है. 37 लोगों की मौत हो जाती है. वहीं गुजरात पुलिस के जरिए कल एक ही दिन में अलग अलग शहरों के अलग-अलग देशी शराब बनाने वाली भट्टिओं पर रेड की जाती है. करोड़ों रुपयों की शराब बरामद होती है. सूरत, राजकोट जैसे शहरों में तक बड़े पैमाने पर शराब बरामद हुई है.

गुजरात के बोटाद जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हुई है. जबकि 70 से ज्यादा लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है. पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया है. एफआईआर में 24 लोगों के नाम हैं. इनमें से पुलिस 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. 

पुलिस का दावा है कि गांव के लोगों ने सीधे तौर पर केमिकल में पानी मिलाकर पी लिया था. एफएसएल रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है. गांव के लोगों ने कथित तौर पर जो शराब पी थी, उसमें 98% से ज्यादा मिथाइल मिला है.

पुलिस ने बताया कि आरोपी ने शराब नहीं, बल्कि शराब के नाम पर लोगों को सीधा केमिकल के पाउच बनाकर बेचा था. पुलिस ने बताया कि ये पूरी साजिश तीन लेयर में रची गई. पुलिस के मुताबिक, ईमोस कंपनी मिथाइल के बिजनेस से जुड़ी है. ईमोस कंपनी के गोदाम मैनेजर जयेश उर्फ राजू की संदिग्ध भूमिका बताई जा रही है. राजू को पुलिस ने अहमदाबाद से हिरासत में लिया है. राजू ने केमिकल को गोदाम से निकाला था. केमिकल पीने से मरने वाले लोगों में बोटाद के पड़ोसी जिले अहमदाबाद के लोग भी शामिल हैं.

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