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गुजरात में टिड्डियों का आतंक जारी, किसान परेशान, पड़ी दोहरी मार

गुजरात सरकार की ओर से टिड्डी प्रभावित इलाके में कंट्रोल रूम बनाया गया है. टिड्डी नियंत्रण के लिए फील्ड स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है. टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी वाहन, स्प्रेयर के जरिए दवाई, टैंकर व अन्य उपकरणों की सूची तैयार की गई है.

पाकिस्तान से गुजरात पहुंचा टिड्डियों का झुंड (PTI) पाकिस्तान से गुजरात पहुंचा टिड्डियों का झुंड (PTI)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 25 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

  • कोरोना वायरस के बीच किसानों पर टिड्डियों की मार
  • पाकिस्तान से आईं टिड्डियों का कई फसलों पर खतरा

एक ओर जहां लॉकडाउन में किसान को अपनी फसल के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं अमरेली जिले में अब जो फसल तैयार है उस पर टिड्डियों के आतंक ने किसानों की मुसीबत और बढ़ा दी है. अमरेली जिले के लिलिया, सावरकुंडला, खंभा, जाफराबाद के साथ-साथ बोटाद के भी कई गांवों में टिड्डियों का कहर जारी है.

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इससे पहले टिड्डियों ने गुजरात के सुरेंद्रनगर और भावनगर जिले में भी कहर बरपाया है. अमरेली में टिड्डियों के आतंक से परेशान किसानों को हुए नुकसान के लिए अमरेली कलेक्टर ने 11 सर्वे टीम बनाई है. इसके साथ ही गुजरात सरकार ने भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी की है. राज्य सरकार के कृषि मंत्री आर सी फलदू के मुताबिक, टिड्डियों के स्थानांतरण के संबंध में जानकारी हासिल कर टिड्डियों को नियंत्रण करने के लिए राज्य और जिला अधिकारी केंद्र सरकार के टिड्डी नियंत्रण टीम के साथ लगातार संपर्क में हैं.

गुजरात सरकार की ओर से टिड्डी प्रभावित इलाके में कंट्रोल रूम बनाया गया है. टिड्डी नियंत्रण के लिए फील्ड स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है. टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी वाहन, स्प्रेयर के जरिए दवाई, टैंकर व अन्य उपकरणों की सूची तैयार की गई है. साथ ही टिड्डी प्रभावित जिलों में नियंत्रण के लिए दवाई भी मुहैया कराई जा रही है. कीटनाशक कंपनियों के साथ दवाई के लिए सरकार ने बात की है, ताकि वक्त रहते कीटनाशक दवाई मुहैया कराई जा सके.

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एक ओर जहां कोरोना का कहर है जिससे किसान वक्त रहते अपनी फसल बेच नहीं पाए हैं, तो दूसरी ओर टिड्डियों के चलते अब उनकी फसल खराब होने का डर बन गया है. बता दें, पिछले साल पाकिस्तान से आई टिड्डियों ने कच्छ, बनासकांठा, पाटण जिले में 19 हजार से ज्यादा हेक्टर खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया था. इस साल भी यही घटना सामने आ रही है.

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