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Gujarat Election 2022: किसे मिलेगी मुस्लिम बाहुल्य सीट मांडवी में जीत, BJP का रहा है जलवा

साल 2007, 2012 और 2017 तीनों विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर अपने उम्मीदवारों को बदला है. वर्तमान में इस सीट से बीजेपी के विरेन्द्रसिंह जाडेजा विधायक हैं. अब देखना होगा की बीजेपी उन्हें ही रिपीट करती है या नये चेहरे को मैदान में उतारेगी. एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी की नजर भी इस सीट पर है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद ,
  • 09 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी और ओवैसी की AIMIM भी एक्टिव हो गई है. गुजरात में 10 फीसदी वोट बैंक मुस्लिमों का है. ऐसे में मुस्लिम वोट बैंक की असर वाली सीटों पर ओवैसी की नजर है. ऐसी ही एक सीट है कच्छ जिले की मांडवी विधानसभा सीट. अपने बंदरगाह और लकड़ी के जहाज के लिए मांडवी शहर को जाना जाता है.

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गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टारगेट 150 सीट पर जीत दर्ज करने का है. बीजेपी ने मांडवी विधानसभा पर लंबे वक्त से अपना प्रभुत्व बनाए रखा है. मुस्लिम बहुल सीट होने के बावजूद भी यहां सालों से बीजेपी के प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं. साल 1985 से 2002 तक इस सीट पर बीजेपी की जीत मिली है. जिस में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश महेता का नाम दर्ज है. साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद इस सीट पर कांग्रेस के छबील पटेल ने जीत हासिल की थी लेकिन 2007 के चुनाव में छबील पटेल हार गए. 

साल 2007, 2012 औऱ 2017 तीनों विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर हर बार अपने उम्मीदवारों को बदला. वर्तमान में इस सीट से बीजेपी के विरेन्द्रसिंह जाडेजा विधायक हैं. अब देखना होगा की बीजेपी उन्हें ही रिपीट करती है या नये चेहरे को मैदान में उतारेगी.

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मुस्लिमों के 50 हजार वोट

मांडवी विधानसभा सीट को मुस्लिम बाहुल्य सीट माना जाता है क्योंकि यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 हजार से ज्यादा है. गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के आंकड़े देखें तो मांडवी सीट पर मुस्लिमों के बाद सबसे बड़ा वोट बैंक पाटीदारों का है जिनका 25 हजार का वोट बैंक है. दलितों के 31 हजार वोट हैं वहीं 21 हजार राजपूत वोट है. 

2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के विरेन्द्रसिंह जाडेजा के सामने कांग्रेस के दिग्गज नेता शक्तिसिंह गोहिल चुनावी मैदान में थे. शक्तिसिंह गोहिल करीबन 9 हजार मतों से चुनाव हार गये थे. 

2022 के चुनाव से पहले इस सीट पर जहां बीजेपी-कांग्रेस के बीच जंग है तो वहीं आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम भी चुनावी मैदान में अपने उम्मीदवार उतार सकती है. अगर यहां  आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम चुनावी मैदान में उतरती है तो बीजेपी के लिए जीतना थोड़ा मुश्किल हो सकता है या फिर बीजेपी को क्लीन स्वीप मिल सकता है

इतनी है वोटर संख्या

इस सीट पर लगभग 2,24,901 वोटर है. साल 2017 के चुनाव में 1,59,026 की वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में विरेन्द्रसिंह जाडेजा को 79469 वोट मिले थे उनके विरोध में खड़े शक्तिसिंह गोहिल को 70423 वोट मिले थे. इस सीट पर उम्मीदवारों की हार-जीत का अंतर 10 हजार से कम रहता आया है.

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सन् 1574 में मांडवी की स्थापना
कच्छ के समुद्र किनारे पर स्थित मांडवी बंदरगाह शहर की स्थापना कच्छ के राजा खेगार्जी ने 1574 में की थी. यहां पूर्वी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार तट समेत दक्षिण पूर्वी एशिया से जहाज आते हैं. मांडवी शानदार समुद्री तट के साथ यहां सालों से बनाए जा रहे अपने लकड़ी के जहाजों का पूरी दुनिया में जाना जाता है. यहां सालों से पारंपरिक लकड़ी जहाज बनाने का कारोबार चल रहा है. मुबई और सूरत बंदरगाहों से पहले यह पूरे गुजरात का प्रमुख बंदरगाह हुआ करता था.

कच्छ के राजा खेगार्जी ने 1574 में मांडवी में बंदरगाह शहर की स्थापना की थी. इस बंदरगाह पर पूर्वी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार तट समेत दक्षिण पूर्वी एशिया से जहाज आते हैं. व्यापारी और नाविक ही यहां के मुख्य निवासी हैं.

यहां फेसम है दाबेली

मांडवी के खाने में डबल रोटी काफी फेमस है. एक खास तरह का मसाला लगाकर डबल रोटी बनायी जाती है. जिसे गुजरात के दूसरे हिस्सों में दाबेली के तौर पर जाना जाता हैं.

 

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