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गुजरात में 6 हजार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश... मास्टरमाइंड भूपेंद्रसिंह झाला गिरफ्तार, CID की बड़ी कार्रवाई

गांधीनगर सीआईडी क्राइम टीम ने करोड़ों रुपये के बीजेड पोंजी स्कीम घोटाले के मुख्य आरोपी भूपेंद्रसिंह झाला को मेहसाणा जिले के विसनगर के दवाडा गांव से गिरफ्तार कर लिया है. झाला लंबे समय से फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा था.

गुजरात में 6,000 करोड़ रुपये के पोंजी स्कीम घोटाले का मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह झाला गिरफ्तार. (Screengrab) गुजरात में 6,000 करोड़ रुपये के पोंजी स्कीम घोटाले का मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह झाला गिरफ्तार. (Screengrab)
aajtak.in
  • गांधीनगर,
  • 28 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

गुजरात के गांधीनगर में सीआईडी क्राइम ने बीजेड पोंजी स्कीम के मुख्य आरोपी भूपेंद्रसिंह झाला को अरेस्ट किया है. मेहसाणा के विसनगर के दवाडा गांव से गिरफ्तार हुआ झाला 6000 करोड़ रुपये के इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. पुलिस ने उसकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है और रिमांड के दौरान कई और खुलासे होने की संभावना है.

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जानकारी के अनुसार, सीआईडी क्राइम ने भूपेन्द्र झाला के करीबी लोगों के फोन कॉल ट्रेस किए. कॉल डिटेल के आधार पर झाला तक पहुंचने की प्रक्रिया शुरू की गई. झाला के सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्रों से जुड़े संपर्कों की भी जांच की गई. इसके बाद उसे दवाड़ा गांव के एक फार्म हाउस से पकड़ लिया गया.

भूपेन्द्र झाला की गिरफ्तारी से करोड़ों के इस घोटाले में और भी कड़ियां खुलने की संभावना है. सीआईडी टीम घोटाले से जुड़े संदिग्ध संपर्कों और अन्य दस्तावेजों और सबूतों की तलाश कर रही है.

बीजेड पोंजी स्कीम का मुख्य आरोपी भूपेंद्रसिंह झाला.

यह भी पढ़ें: बंगाल: शिक्षक भर्ती घोटाला केस में अर्पिता मुखर्जी को मिली जमानत, ED की छापेमारी में फ्लैट से मिले थे 50 करोड़

पुलिस की पकड़ से बचने के लिए बीजेड ग्रुप के सीईओ भूपेन्द्र झाला ठिकाने बदल रहा था. पुलिस ने साबरकांठा, अरावली समेत उत्तर गुजरात के कई जिलों में छापेमारी की थी. पिछले एक माह से वह ठिकाना बदलता रहा. गिरफ्तारी से बचने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी भी लगाई, लेकिन कोर्ट से झाला को राहत नहीं मिली. भूपेन्द्र को किसने पनाह दी और इस घोटाले में कौन शामिल है, इसकी जांच हो रही है.

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इस पूरे नेटवर्क से जुड़े एजेंटों को पहले भी हिरासत में लिया जा चुका है. मुख्य आरोपी भूपेन्द्रसिंह झाला एजेंटों को महंगी कारें गिफ्ट करता था. ये वाहन सीआईडी क्राइम ने जब्त कर लिए थे. सीआईडी क्राइम भूपेन्द्रसिंह झाला को आज शनिवार को कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड की मांग की जाएगी. रिमांड के दौरान कई सबूत मिलने की संभावना है.

क्या है पूरा मामला?

गांधीनगर सीआईडी टीम का आरोप है कि पूरे मामले में भूपेन्द्र झाला ने एक से तीन गुना पैसा देकर और सामान्य निवेश के मुकाबले ज्यादा रिटर्न का लालच देकर 6000 करोड़ का घोटाला किया है. सरकारी वकील ने ग्राम न्यायालय में कहा कि भूपेन्द्र झाला के पास केवल साबरकांठा के लिए साहूकारी का लाइसेंस है. हालांकि उसने एजेंट नियुक्त किए और एक पूरा नेटवर्क बनाया.

इसके अलावा कुछ कंपनियां बिना किसी प्रकार के लाइसेंस या अनुमति के भी बनाई गई हैं, जिसमें एजेंटों के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपये का इन्वेस्टमेंट कराया गया है. सरकारी वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि भूपेन्द्र झाला ने अपने और अपने परिवार के नाम पर करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति बनाई है.

इस संबंध में सीआईडी क्राइम के डीआईजी परीक्षिता राठौड़ ने बताया कि आरोपी काफी समय से फरार था.हमारी टीम उसकी तलाश कर रही थी. सीआईडी क्राइम को पता चला कि भूपेन्द्रसिंह झाला मेहसाणा के विसनगर के दवाडा गांव में बीजेड पोंजी स्कीम का मुख्य आरोपी है.

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लोगों से अपील की गई है कि जिनका पैसा फंसा है, वे भी शिकायत दर्ज कराएं. इस मामले में 95 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है. सीआईडी क्राइम ने आरोपी की संपत्ति जब्त कर ली है. आरोपियों को पनाह देने वाले फार्म हाउस पर भी एक्शन होगा. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यह योजना 2020 से शुरू की गई थी.

रिपोर्ट: दुर्गेश चंद्रकांतभाई मेहता

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