
गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो गई. पिछले 15 घंटे से रेस्क्यू अभियान जारी है. रेस्क्यू के लिए सेना, नेवी, एयरफोर्स एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं. अब तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है.
1- रविवार शाम 6.30 हुआ हादसा
रविवार को बड़ी संख्या में लोग मोरबी के मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज पर घूमने पहुंचे थे. इनमें बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे. लोग सेल्फियां लेने में व्यस्त थे, तभी केबल ब्रिज अचानक टूट गया. पुल टूटने के बाद सैकड़ों लोग नदी में गिर गए. कुछ लोगों ने ब्रिज और रस्सियों पर लटककर खुद को बचाने की कोशिश भी की. हालांकि, काफी कम लोग ही इसमें सफल हो पाए.
2- ब्रिज पर भारी भीड़ बनी हादसे की वजह
बताया जा रहा है कि पुल भारी भीड़ के चलते टूटा. ब्रिज टूटने के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. बताया जा रहा है कि 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर करीब 300-400 लोग मौजूद थे.
3- कंपनी पर केस दर्ज
ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है.
4- ड्रोन से लोगों को खोजा जा रहा
ड्रोन की मदद से नदी में डूबे लोगों की तलाश की जा रही है. रात में घना अंधेरा और नदी का पानी साफ न होने की वजह से रेस्क्यू कर रहीं टीमों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब ड्रोन की मदद ली जा रही है.
5- ब्रिज 5 दिन पहले ही खोला गया था
केबल ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था. राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल कि तरह झूलता हुआ सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे. इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था. यह पुल 7 महीने से बंद था.
6 - लापरवाही बनी हादसे की वजह
बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था. ब्रिज पर घूमने आए लोगों को 17 रुपए का टिकट खरीदना होता था. वहीं, बच्चों के लिए 12 रुपए का टिकट अनिवार्य था. नगर पालिका चीफ ऑफिसर संदीप सिंह ने बताया कि कम्पनी ने रेनोवेशन खत्म किया है या नहीं किया इसकी जानकारी दिए बगैर ही ब्रिज छुट्टियों में शुरू किया गया और बहुत सारे लोग एक साथ भेजे थे तो उसकी वजह से हादसा हो गया. उन्होंने बताया कि नगर पालिका से फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया.
7- रेस्क्यू में जुटीं तीनों सेनाएं
रेस्क्यू के लिए सेना, नेवी, एयरफोर्स एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं. अब तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
8- मोरबी में 40 डॉक्टरों की टीम तैनात
मोरबी सिविल अस्पताल में अन्य अस्पतालों से करीब 40 डॉक्टरों की टीम को तैनात किया गया है. मौके पर करीब 30 एंबुलेंस भी तैनात हैं. एनडीआरएफ की 5 टीमों में करीब 110 सदस्य रेस्क्यू में जुटे हैं. जामनगर एसडीआरएफ की 2, वड़ोदरा और गोंधाल की 3-3 टुकड़ियां रेस्क्यू में जुटी हैं. रेस्क्यू के लिए 20 बोट तैनात की गई हैं.
9- मृतकों के परिजनों को 6 लाख, घायलों को 1 लाख मुआवजा
गुजरात सरकार ने मृतकों के परिवार को 4 लाख और घायलों के परिवार को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है. वहीं, पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है.
10- हादसे पर आज रिपोर्ट सौंपेंगे अधिकारी
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि CM भूपेंद्र पटेल ने हादसे की जांच के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया. विभिन्न स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है, जांच शुरू हो गई है.