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दो दिन तक नदी से निकलते रहे शव... नौनिहालों-युवाओं पर कहर बनकर टूटा मोरबी का पुल हादसा

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर ब्रिज के टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई है. इन 135 में से 54 नाबालिग हैं. इनमें भी 33 ऐसे हैं जिनकी उम्र 10 साल से कम है. गुजरात के इतिहास का ये अब तक का सबसे बड़ा पुल हादसा है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है.

मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई. मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज के टूटने से 135 लोगों की मौत हो गई. ये हादसा रविवार शाम को साढ़े 6 बजे हुआ था, लेकिन नदी से शव मंगलवार तक निकल रहे थे. ये पुल टूटा कैसे? इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जाकर उस ब्रिज का जायजा लिया जो टूट गया था.

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पुलिस का कहना है कि पुल में कुछ तकनीकी और संरचनात्मक खामियां थीं. साथ ही इसकी मरम्मत को लेकर भी कुछ मसले थे. 

जिन लोगों ने भी इस पुल को टूटते हुए देखा था, उन्होंने इसे 'दिल दहलाने वाला' बताया है. हादसे से कुछ सेकंड पहले का भी एक वीडियो आया था, जिसमें दिख रहा था कि कुछ लोग पुल को झुला रहे हैं और फिर पुल एक तरफ से टूट जाता है. पुल के टूटते ही लोग नदी में जा गिरे. 

मरने वालों में कौन?

अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक इस हादसे में जान गंवाने वालों में ज्यादातर लोग कम उम्र के हैं. 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि 135 में से 54 नाबालिग थे. इनमें से भी 33 तो ऐसे थे जिनकी उम्र 10 साल से भी कम थी. इनमें 38 लड़के और 16 लड़कियां हैं. इस हादसे में 2 साल के एक बच्चे की भी मौत हो गई है. 

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गुजरात के इतिहास का ये सबसे बड़ा पुल हादसा है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है. इससे पहले अगस्त 2003 में दमनगंगा पुल के टूटने पर 28 स्कूली बच्चे मारे गए थे. 

कितना खतरनाक था वो मंजर?

मच्छु नदी पर बने इस ब्रिज के पास ही हर रविवार को चाय बेचने वाले एक चश्मदीद ने बताया था कि सबकुछ सेकंड में हो गया था. जब पुल टूटा तो लोग लटके हुए थे और थोड़ी देर बाद ही पकड़ ढीली होते ही वो नदी में जा गिरे.

उसने कहा था, ऐसा खतरनाक मंजर कभी नहीं देखा. वो एक छोटी बच्ची थी. हमने उसे बचाया. उसने बहुत सारा पानी उगल दिया था और हमें उम्मीद थी कि वो बच जाएगी. लेकिन उसने हमारे सामने ही दम तोड़ दिया.

हादसे के बाद लोगों की जान बचाने के लिए जुटी हसीना बेन ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि हमने बच्चों को अस्पताल ले जाने का सोचा, लेकिन वो मर चुके थे. 

राजकोट से लोकसभा सांसद मोहन कुंदरिया के भी 12 रिश्तेदारों की इस हादसे में मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि इस हादसे में उनके बड़े भाई के साले की चार बेटियां, उनमें से तीन के पति और 5 बच्चे मारे गए हैं.

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हादसे के बाद क्या-क्या हुआ?

रविवार शाम को हादसे के बाद इस मामले में FIR दर्ज कर ली गई है. हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी जा चुका है.

अब तक इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. राजकोट रेंज के आईजी अशोक कुमार यादव ने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें ओरेवा ग्रुप के दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क, दो कॉन्ट्रैक्टर और तीन सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं.

मंगलवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 4 आरोपियों (दो मैनेजर और दो कॉन्ट्रैक्टर) को शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. बाकी के 5 आरोपियों (टिकट क्लर्क और सिक्योरिटी गार्ड) को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

 

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