
गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को उम्मीद से कहीं ज्यादा कामयाबी मिली लेकिन उसके लिए राज्य में आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM की जीत सबक देने वाली रही. हालांकि बीजेपी के लिए राहत की बात यह रही कि कांग्रेस की स्थिति राज्य में और खराब हो गई है.
सभी 6 नगर निगमों में बड़ी जीत हासिल करने वाली बीजेपी के लिए यह चुनाव कई मायनों में सबक भी दे गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृहनगर में बीजेपी के लिए सबसे पहला सबक तो यही है कि पार्टी में सब ठीक की बात करने वाले और पाटीदारों तथा बीजेपी के बीच किसी भी तरह की कोई मतभेद नहीं है, वो आम आदमी पार्टी की जोरदार जीत के बाद सामने आ गया है.
सत्तारुढ़ बीजेपी की ओर से कई पाटीदारों के खिलाफ किए गए केस अब तक वापस नहीं लिए गए थे और इससे नाराज पाटीदारों ने चुनाव में अपनी ताकत दिखा दी है.
AIMIM ने कांग्रेस का किया नुकसान
इस तरह ओवैसी की पार्टी AIMIM ने गुजरात में कांग्रेस की सीट काटी है, लेकिन AIMIM का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है क्योंकि जिन 21 सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे उसमें से 7 सीट पर जीत मिली लेकिन बाकी सभी सीटों पर कांग्रेस की ही जीत हुई है.
AIMIM और AAP ने खुद को कांग्रेस का पर्याय बताया. पूरे चुनाव प्रचार में उन्होंने यही बताया कि कांग्रेस पिछले 25 साल से गुजरात में जीती नहीं है और ये बीजेपी तथा कांग्रेस के बीच के मेल है. दोनों ही पिछले दरवाजे से एक ही हैं.
तो वहीं कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई भी इतनी ज्यादा दिखी कि कांग्रेस को अब गुजरात में अपने अस्तित्व को लेकर सोचना चाहिए. ये नतीजे कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई का नतीजा है. नेता एक-दूसरे की टांग खिंचने में लगे रहे परिणाम आने के बाद वो दिख भी रहा है. साथ ही कांग्रेस में खुद की राजनीति को बचाने के लिए युवा नेता को आगे नहीं आने दिया जाता, ये भी साफ दिख रहा है.
दूसरी ओर, महंगाई और कृषि कानून को कांग्रेस ने चुनाव का मुद्दा बनाया, लेकिन जब विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात आती है तब लोग प्रधानमंत्री का ही साथ देते हैं. बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार का मुद्दा ही बनाया था कि 'गुजरात छे मक्कम भाजप साथ अडिखम यानी आज भी भाजपा के साथ' है. प्रधानमंत्री मोदी के विकास मॉडल को गुजरात का पर्याय बताकर चुनाव प्रचार किया गया.
अगले साल यानी 2022 के विधानसभा चुनाव में अब आम आदमी पार्टी मैदान में उतरेगी और AIMIM भी अपने उम्मीदवारों को उतारेगी. ऐसे में जो लोग आम आदमी पार्टी को बीजेपी का विकल्प बता रहे हैं, अगर वही पार्टी अभी से चुनाव प्रचार और उम्मीदवारों का ऐलान कर दे तो पूरी तरह से बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है.