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गुजरात: नर्मदा के पानी के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा

गुजरात विधानसभा के चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद गुजरात की रुपाणी सरकार ने ये ऐलान किया था कि इस साल गर्मी के दिनों में किसान अपनी फसल ना बोएं क्योंकि किसानों को सिंचाई के लिये पानी दे पाना सरकार के लिये संभव नहीं है.

नर्मदा नदी नर्मदा नदी
अजीत तिवारी/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 08 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST

गुजरात में नर्मदा मुद्दे पर विजय रुपाणी सरकार को एक बार फिर विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने घेरा है. दरअसल, गुजरात विधानसभा के चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद गुजरात की रुपाणी सरकार ने ये ऐलान किया था कि इस साल गर्मी के दिनों में किसान अपनी फसल ना बोएं क्योंकि किसानों को सिंचाई के लिये पानी दे पाना सरकार के लिये संभव नहीं है.

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सरकार ने इसके पीछे की वजह बतायी थी कि मध्य प्रदेश में कम बारिश की वजह से इस बार नर्मदा के सरदार सरोवर बांध में पानी नहीं आ पाया है. आज गुजरात विधानसभा में नर्मदा के पानी को लेकर कांग्रेस विधायक लाखा भरवाड द्वारा पूछे गए सवाल पर सरकार ने जवाब देते हुए 2016 और 2017 में नर्मदा बांध में कितना पानी आया, इसके आंकड़े पेश किए.

हालांकि, ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. आंकड़ों के आने के साथ ही कांग्रेस ने सरकार पर पानी के गलत प्रबंधन का आरोप लगाया. यही नहीं, कांग्रेस नेता परेश धनानी ने कहा कि 2017 के चुनाव में पानी को बर्बाद किया गया. साबरमती नदी में सी प्लेन उतारने के लिए पानी को बर्बाद किया गया. इस सी प्लेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान भरी थी.

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विधानसभा में जो आंकड़े सरकार की ओर से दिए गए हैं उसके मुताबिक- (पानी के आंकड़े मिलियन क्यूबिक मीटर में)

जबकि चुनाव के बाद जनवरी में 3916 मिलियन क्यूबिक मीटर का आकंड़ा सामने आया है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले साल कि तुलना में इस साल ज्यादा पानी नर्मदा में आया, लेकिन चुनाव कि वजह से अलग-अलग बांध को सौराष्ट्र में भरकर सरकार वाह-वाही लेना चाहती थी, जिस वजह से पानी के प्रबंधन को बिगाड़ा गया और आज पूरे गुजरात के किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

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