
सूरत शहर में निजी शिक्षण संस्थानों से 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई (NSUI) के शहर प्रमुख धीरेंद्र सिंह सोलंकी सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से अब तक वसूले गए 6.5 लाख रुपये भी बरामद कर लिए हैं.
दरअसल, सूरत के सारोली इलाके में स्थित रेड एंड वाइट इंस्टीट्यूट, क्रिएटिव डिज़ाइन इंस्टीट्यूट और एजुकेट इंस्टीट्यूट निजी तौर पर वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) से संबद्ध कोर्स कराते हैं. इन संस्थानों पर फर्जी डिग्री देने और ग़लत तरीके से शिक्षा प्रदान करने का आरोप लगाते हुए एनएसयूआई प्रमुख और उनके साथियों ने संस्थानों के संचालकों से एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की थी.
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धमकी देकर वसूले पैसे
पुलिस के अनुसार, इन लोगों ने पहले संस्थानों के खिलाफ फर्जी डिग्री देने के आरोप लगाते हुए 16 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसके बाद संस्थान संचालकों को डराने-धमकाने का सिलसिला शुरू हुआ. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने संचालकों से कहा कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो वे उनके खिलाफ केस दर्ज कराएंगे और दस साल की सजा दिलवाने की कोशिश करेंगे. धमकी से डरकर संस्थान के संचालकों ने पहले 1.5 लाख रुपये दिए. फिर 5 लाख रुपये और देने पड़े. लेकिन जब आरोपियों की मांगें बढ़ती चली गईं, तो संचालकों ने पुलिस से संपर्क करने की योजना बनाई.
स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए आरोपी
संस्थान संचालकों ने आरोपियों की हरकतों को उजागर करने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किया. इस स्टिंग में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को फिरौती की रकम लेते हुए रिकॉर्ड किया गया. संचालकों ने यह वीडियो साक्ष्य के तौर पर पुलिस को सौंपा, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू की.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
सूरत पुलिस की सारोली थाना पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें धीरेंद्र सिंह सोलंकी (NSUI सूरत शहर प्रमुख), रवि पुछड़िया (NSUI कार्यकर्ता), प्रीत चावड़ा, मितेश हडिया और तुषार मकवाना. वहीं, अभिषेक चौहान और किशोर डाभी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने 6.5 लाख रुपये बरामद किए हैं, जो उन्होंने संस्थानों के संचालकों से वसूले थे. पुलिस ने कहा है कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही फरार आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा.
मामले में DCP ने कही ये बात
सूरत पुलिस के डीसीपी राजदीप सिंह नकुम ने बताया कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने 16 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निजी शिक्षण संस्थानों पर गलत तरीके से डिग्री देने का आरोप लगाया था. इसके बाद इन संस्थानों के संचालकों को धमकाने और रंगदारी वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. संस्थान संचालकों ने पहले रुपये देने के बावजूद जब रंगदारी बढ़ती देखी, तो उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन किया और पुलिस को पुख्ता सबूत दिए. इसके आधार पर पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई की.