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हार्दिक बोले- 16000 लोगों को हिरासत में लिया, इससे अच्छा हमें गोली मार दे सरकार

पाटीदार नेता हार्दिक गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को भी पत्र लिखकर 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन के लिए आवश्यक अनुमति को लेकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग कर चुके हैं.

हार्दिक पटेल हार्दिक पटेल
वरुण शैलेश/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 25 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने आज अपने घर के बाहर ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. हार्दिक पटेल ने कहा है कि उनके घर की ओर आने वाले लोगों को रोका जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है.

पाटीदार नेता ने दावा किया कि अहमदाबाद की ओर आ रहे हाईवे पर उनके समर्थकों को रोका जा रहा है. अब तक करीब 16 हजार लोगों को हिरासत में लिया गया है. चार से ज्यादा लोगों को उनके घर तक नहीं आने दिया जा रहा है. आने वाले लोगों से पहचान पत्र मांगे जा रहे हैं.

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पटेल के मुताबिक उनके घर पर पानी और पंडाल लगाने का सामान भी नहीं लाने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पाटीदार आंदोलन को दो साल पूरे हो चुके हैं. शनिवार से शुरू हो रहे आंदोलन के लिए दो महीने पहले से ही इजाजत मांगी जा रही थी, जो कि नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार अंग्रेजों की तरह काम कर रही है. अनशन को रोकने का काम किया जा रहा है.

हार्दिक पटेल के अनशन को ध्यान में रखते हुए पुलिस भी काफी सतर्क है. हार्दिक के घर की ओर आने वाली ज़्यादातर सड़कों को बंद कर दिया गया है. वहीं डीआईजी आर.बी.ब्रह्मभट्ट ने कहा कि पूरे गुजरात में अब तक 158 लोगों को हिरासत में लिया गया है. दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी हार्दिक के अनशन का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है. 

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वहीं हार्दिक पटेल ने अपने घर के बाहर शुरू किए उपवास की जगह पर महात्मा गांधी के साथ शहीद भगत सिंह की भी तस्वीर लगाई है.

इससे पहले, हार्दिक पटेल के समर्थन में कांग्रेस के तीन पाटीदार नेता भी हार्दिक पटेल के घर पहुंचे. ये नेता ललित कथगरा, ललित वसोया और किरीट पटेल हैं.

हार्दिक अपने घर पर अनशन पर इसलिए बैठे हैं क्योंकि उन्हें स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से अहमदाबाद में अनशन की इजाजत नहीं मिली है. अनशन से पहले हार्दिक ने शुक्रवार को कहा कि अगर प्रशासन इसकी इजाजत नहीं देता है या अदालत उनकी जमानत रद्द करती है, तब भी वह भूख हड़ताल का फैसला नहीं बदलेंगे. इस बीच, हार्दिक पटेल के घर के बाहर बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं. उनके घर के आसपास से गुजरने वाले हर शख्स से पुलिस पूछताछ कर रही है.

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के अनशन आंदोलन के चलते जूनागढ़ कलेक्टर ने पूरे जिले में धारा 144 लगाई है. पब्लिक प्लेस पर 4 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाई गई है. वहीं, हार्दिक पटेल का कहना है कि पुलिस के अनुमती देने तक वह अपने घर पर ही अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'जब धारा 144 के तहत अटलजी की अस्थिकलश यात्रा निकाली जा सकती है, तो सिर्फ हमारे अनशन पर ही क्यों धारा 144 लगती है.'

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इससे पहले, गांधीनगर के कलेक्टर एसके लंगा ने हार्दिक पटेल को सत्याग्रह छावनी एरिया में भूख हड़ताल करने की अनुमति देने से मना कर दिया था.  इस बीच, सिटी सेशन्स कोर्ट दंगे के एक केस में सरकार की उस अपील पर सोमवार तक फैसला दे सकती है, जिसमें कोर्ट से हार्दिक पटेल की जमानत खारिज करने की मांग की गई है.

हार्दिक ने कहा, 'अगर मेरी जमानत स्थगित होती है तो मैं जेल में भूख हड़ताल जारी रखूंगा और अगर प्रशासन ने हड़ताल की इजाजत नहीं दी तो मैं घर पर ही भूख हड़ताल करूंगा.' राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे हड़ताल की इजाजत नहीं दी गई क्योंकि यह (भाजपा) सरकार मुझसे डरती है. अगर जरूरत पड़ी तो मैं अपने घर पर ही हड़ताल करूंगा. हालांकि मुझे हड़ताल पर बैठने से काफी कोशिशें की जाएंगी.'

बता दें कि हार्दिक गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को भी पत्र लिखकर 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन के लिए आवश्यक अनुमति को लेकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग कर चुके हैं. उन्होंने रूपाणी को एक खुले पत्र में कहा कि लगातार अनुरोधों के बाद भी प्रशासन ने ना तो पुलिस की अनुमति दी है ना ही उन्हें प्रदर्शन के लिए कहीं जगह मुहैया कराया है.

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पटेल ने घोषणा की है कि वह पाटीदार (पटेल) समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर दबाव बनाने की खातिर निकोल इलाके में एक मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. हालांकि, नगर निकाय ने मैदान को पार्किंग इलाके में तब्दील कर दिया है.

गौरतलब है कि तीन साल पहले 25 अगस्त 2015 को ही गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन हुआ था, जिस दौरान काफी उपद्रव हुआ और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. इस हिंसा में 14 लोगों की मौत हुई थी.

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