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महाशिवरात्रि पर लोकगीत कार्यक्रम में पाटीदारों ने उछाले जूते-चप्पल

गुजरात के सूरत में महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर आयोजित एक लोक संगीत (डायरा) कार्यक्रम में पाटीदारों ने जमकर हंगामा किया. गुजराती लोकगीत के प्रख्यात गायक कीर्तिदान गढ़वी का पाटीदार समाज के कुछ लोगों ने इसलिए विरोध किया कि वह पाटीदारों के गीत नहीं गाते हैं. यही आरोप लगाते हुए पाटीदारों ने विरोध स्वरूप जूते-चप्पल और गद्दे उछाले तथा कार्यक्रम को बंद करवा दिया.

प्रसिद्ध लोक गायक कीर्तिदान गढ़वी के कार्यक्रम में पाटीदारों ने किया हंगामा प्रसिद्ध लोक गायक कीर्तिदान गढ़वी के कार्यक्रम में पाटीदारों ने किया हंगामा
गोपी घांघर
  • सूरत,
  • 25 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST

गुजरात के सूरत में महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर आयोजित एक लोक संगीत (डायरा) कार्यक्रम में पाटीदारों ने जमकर हंगामा किया. गुजराती लोकगीत के प्रख्यात गायक कीर्तिदान गढ़वी का पाटीदार समाज के कुछ लोगों ने इसलिए विरोध किया कि वह पाटीदारों के गीत नहीं गाते हैं. यही आरोप लगाते हुए पाटीदारों ने विरोध स्वरूप जूते-चप्पल और गद्दे उछाले तथा कार्यक्रम को बंद करवा दिया.

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सूरत स्थित योगी चौक इलाके में गुजराती लोकगीत गायक गढ़वी के एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. सूरत की एक सामाजिक संस्था की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में गढ़वी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए थे. इस दौरान कार्यक्रम की शुरुआत तो अच्छी रही, लेकिन देर रात कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने 'जय सरदार-जय पाटीदार' के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और जूते चप्पल तथा वहां बिछे गद्दे उछालने शुरू कर दिए.

पाटीदार समाज के कुछ लोगों की इस हरकत से कार्यक्रम में भगदड़ जैसा माहौल बन गया. पाटीदारों के इस विरोध को देखते हुए गायक गढ़वी भी अपने साथियों के साथ मंच छोड़कर चले गए.

इस हंगामे के बाद पाटीदार समाज के लोगों ने कार्यक्रम के अपने विरोध का मोबाइल वीडियो सोशल मीडिया पर भी डाला, जिसमें कहा गया कि कीर्तिदान गढ़वी से जब भी किसी लोकगीत कार्यक्रम (डायरा) में पाटीदार समाज से जुड़े गीत की फरमाइश की जाती है, तो वह जानबूझकर इसे टाल जाते हैं और इसी वजह से पाटीदारों ने उनका विरोध किया.

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