
गर्मी की अभी शुरुआत ही हुई है और गुजरात में पानी की किल्लत ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. गुजरात के छोटा उदेपुर के टवा गांव की स्थिति ऐसी है कि यहां लोग पानी के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते हैं. इसके बावजूद उन्हें कई बार पूरे दिन में एक बूंद भी पानी नसीब नहीं होता है.
इस गांव को लेकर चौंकाने वाली बात ये है कि जिस नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध बना है और जो आधे से ज्यादा गुजरात की प्यास बुझाता है, वही सरदार सरोवर बांध इस जगह से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर है.
घंटों लाइन में खड़े रहने वाले छोटा उदेपुर के टवा गांव के आदिवासी लोगों के लिए पानी की एक-एक बूंद भी काफी कीमती है. इस गांव के छोटे-छोटे बच्चे इम्तिहान के समय पढ़ाई छोड़ हाथों में गागर के साथ पानी के लिए लाइन में खड़े रहते हैं.
दिलचस्प बात ये है कि 1500 की आबादी वाली इस गांव में दो बोर हैं, लेकिन गर्मी शुरू होते ही पानी का स्तर इतना इतना नीचे चला जाता है कि पूरे दिन में सिर्फ 15 से 20 मिनट ही बोरवेल में पानी आता है. इन 2 बोरवेल के अलावा गांव के पास पीने के लिए पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है.
ऐसे में गांव की महिलाएं, बच्चियां और युवा गर्मी के दिनों में दोनों बोरवेल के बीच चक्कर काटते रहते हैं. पानी के मिलने पर थोड़ी राहत मिलती है और नहीं मिलने पर इंतजार बढ़ जाता है. पिछले 15 दिन से, जब से गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया है, हर कोई पानी के लिए लाइन में लग जाते हैं.
गांव के रहने वाले जयदीप राठवा का कहना है कि टवा गांव में सरकार ने 27 अलग-अलग हैंडपंप और पानी की टंकी भी बनाई है, लेकिन सरकार की बेरुखी के कारण आजतक यहां कभी पानी नहीं आया. ये गांव उंचाई पर स्थित है जिसकी वजह से गर्मियों में पानी का स्तर कम हो जाता है.
गौर करने वाली बात ये है कि गुजरातियों के लिए जीवन का डोर माना जाने वाला सरदार सरोवर बांध की दूरी इस गांव से महज 30 किमी है. नर्मदा पर बने इस बांध के इतना नजदीक होने के बाद भी टवा गांव के लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तड़प रहे हैं.