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गुजरात: प्रशांत किशोर के बाद क्या नरेश पटेल की कांग्रेस में एंट्री भी अटकेगी?

प्रशांत किशोर से बेहतर रिश्तों के चलते ही नरेश पटेल कांग्रेस में आने का जोखिम मोल ले रहे थे. पेशे से व्यवसायी नरेश पटेल को सीएम प्रोजेक्ट करने का काम सिर्फ प्रशांत किशोर ही कर सकते हैं. इसलिए उनके पार्टी जॉइन करने पर अब सस्पेंस खड़ा हो गया है.

नरेश पटेल/प्रशांत किशोर(File Photo) नरेश पटेल/प्रशांत किशोर(File Photo)
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 27 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 7:41 AM IST
  • नरेश पटेल के कांग्रेस जॉइन करने पर बढ़ा सस्पेंस
  • बात ना बनने के कारण कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे पीके

गुजरात चुनाव में कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के ऑफर को ठुकरा दिया है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिस प्रशांत किशोर के भरोसे पर नरेश पटेल गुजरात कांग्रेस में शामिल होने का खतरा मोल ले रहे थे, क्या वो अब कांग्रेस जॉइन करेंगे. 

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को लेकर जो ट्वीट किया है उसमें साफ संकेत दिया है कि कांग्रेस की आंतरिक समस्याओं को सुलझाने के लिए कांग्रेस को ज्यादा मजबूत नेतृत्व और दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है.

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इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत दयाल का कहना है कि नरेश पटेल एक व्यापारी हैं. उन्हें पता है कि राजनीति में फायदा कहां सबसे ज्यादा होगा. प्रशांत किशोर के साथ नरेश पटेल के निजी रिश्तों के चलते वे उनसे जुड़े हुए हैं. नरेश पटेल को सीएम पद के लिए अगर प्रोजेक्ट किया जा सकता है तो प्रशांत किशोर ही यह काम करा सकते हैं. 

खुद नरेश पटेल ने कहा है कि खोडलधाम ट्रस्ट एक सर्वे भी कर रहा है, जिसमें समाज के लोगों से पूछा जा रहा है कि नरेश पटेल को राजनीति में जाना चाहिए या नहीं. हालांकि, जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक सिर्फ पाटीदार युवा चाहते हैं कि नरेश पटेल राजनीति में आएं, लेकिन लोगों का बहुमत यह है कि नरेश पटेल को राजनीति में नहीं आना चाहिए. नरेश पटेल को लेकर बुधवार को खोडलधाम ट्रस्ट की एक मीटिंग भी होने जा रही हैं. इस मीटिंग में खोडलधाम संस्थान के सभी ट्रस्टी मिलेंगे और खोडलधाम महासभा को लेकर भी चर्चा होगी.

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कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मिल सकता था फायदा

दरअसल, कांग्रेस पीके को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी में शामिल करना चाहती थी, लेकिन जिस तरह का अधिकार और बदलाव का फॉर्मूला उन्होंने रखा था, उस पर कांग्रेस में सहमति नहीं थी. यही वजह है कि पीके की कांग्रेस के साथ डील फाइनल नहीं हो सकी. प्रशांत किशोर ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया, 'मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (EAG) का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. मेरी राय में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं को ठीक करने के लिए कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है.'

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