
गुजरात में विजय रुपानी सरकार द्वारा नवरात्रि के नौ दिन के दौरान सभी स्कूल और कॉलेज में छुट्टी घोषित की गई है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री के ही गृहशहर राजकोट में करीब 400 स्कूल मैनेजमेंट्स ने आवाज उठाई है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि अगर 10 दिन की छुट्टी नवरात्रि में दे दी जाएगी तो सिलेबस कैसे खत्म होगा.
स्कूल प्रशासन का कहना है कि साल के 365 दिन में से स्कूल महज 210 दिन ही चलता है. जिसमें 10 दिन नवरात्रि की छुट्टी भी मिलेगी तो शिक्षा पर इसका असर होगा. वहीं कांग्रेस ने इस मामले को सियासी रंग दे दिया है. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि सरकार को छुट्टी देने के साथ-साथ शिक्षा के स्तर को भी देखना चाहिए. शिक्षा का स्तर बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को फैसला लेने से पहले स्कूल और कॉलेज मैनेजमेंट के साथ भी बात करनी चाहिए थी.
वहीं सौराष्ट्र के स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि स्कूल में पहले जन्माष्टमी की छुट्टी होती है, जिसके बाद एग्जाम और फिर दिवाली की छुट्टी आ जाती हैं. जिसमें सेमिस्टर खत्म होता है. ऐसे में अगर जन्माष्टमी, फिर नवरात्रि और फिर दिवाली की छुट्टी होगी तो बच्चों के लिए स्कूल में छुट्टी का ही माहौल रहेगा.
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसी को पूछकर फैसला नहीं लेती है. स्कूल और कॉलेज में छुट्टी से जहां बच्चे खुश हैं तो वहीं नवरात्रि का स्कूल मैनेजमेंट विरोध कर रहा है.