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राजकोट: कैसे 5 मिनट में आसमान छूने लगी सामान्य सी आग, अब भी एक परिवार के 5 लोग लापता

गुजरात के राजकोट स्थित गेमिंग जोन में लगी आग में जान गंवाने वालों की संख्या 28 हो चुकी है. शनिवार को छुट्टी वाले दिन यहां भारी संख्या में भीड़ जुटी थी. इसी दौरान हादसा हो गया. इस घटना पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है. वहीं गेमिंग जोन से बाहर उस आसपास जो लोग थे, उन्होंने बताया कि शुरुआत में सामान्य सी देखने वाली आग इतनी तेजी से भड़की कि लोगों को बचने का मौक तक नहीं मिला.

राजकोट में आग लगने के बाद का मंजर राजकोट में आग लगने के बाद का मंजर
aajtak.in
  • राजकोट,
  • 26 मई 2024,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

राजकोट अग्निकांड में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है. इसमें कई बच्चे भी शामिल हैं. शनिवार को इस खौफनाक मंजर से रूबरू होने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने पूरे हादसे की आंखोदेखी कहानी बताई, कि कैसे 5 मिनट के अंदर सामान्य सी आग आसमान छूने लगी. वहां पास में मौजूद चाय बेचने वाले  महेश भरवाड़ ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों में अफरा तफरी मच गई. 

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महेश भरवाड़ ने बताया कि जब आग लगी तब मैं गेमिंग जोन के पास ही मौजूद था. मैं बगल में चाय देने आया था. उस वक्त अचानक कुछ ब्लास्ट होने की आवाज आयी थी. शुरुआत में शाम के वक्त 5.35 बजे आग लगी. तब सामान्य सी दिखायी देने वाली आग पांच मिनट में विकराल हो गई. आग लगने की वजह से कुछ लोग एल्युमीनियम शेड के ऊपर से बाहर की तरफ उतरने की कोशिश कर रहे थे.

आग लगने के 15 मिनट बात पहुंची थी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां
महेश ने बताया कि उस वक्त कुछ लोगों को हमनें बाहर उतारने की कोशिश की. लेकिन ऊंचाई ज्यादा होने से तीन लोग घायल हो गए. इनमें से एक के सिर पर ज्यादा चोट लगी थी. आग लगने के बाद तुरंत हम सबने इलेक्ट्रिक डीपी बंद किया था. चाय के व्यापारी महेश भरवाड़ ने कहा कि इस गेमिंग जॉन में जितने लोग काम करते थे, उनमें से लगभग सब सुरक्षित हैं. आग लगने के बाद करीब 15 मिनट बाद फायर ब्रिगेड की तीन से चार गाड़िया पहुंची थी.

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एक ही परिवार के पांच लोग लापता
इधर, गेमिंग जोन में आग लगने के बाद एक ही परिवार के सात लोगों में से पांच लोग मिसिंग हैं. परिवार के मुखिया चंद्रसिंह जडेजा ने कहा कि मेरे परिवार के सात लोग गेमिंग जोन में मौजूद थे. इनमें से दो सुरक्षित हैं. एक का गिरिराज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है और एक पूरी तरह सुरक्षित हैं. इस घटना के बाद परिवार के पांच लोग मिसिंग हैं. हमारे परिवार के लोगो के DNA सैंपल कलेक्ट किए गए हैं. 

गेमिंग जोन में फायर सेफ्टी के नहीं थे कोई उपाय
चंद्रसिंह जडेजा ने कहा कि गेमिंग जोन में फायर सेफ़्टी को लेकर कोई सुविधा नहीं थी. वहां पेट्रोल डीजल पड़ा था. सीएम यहां आए थे, लेकिन वो निकल गये. गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी से बात हुई. सरकार से क्या उम्मीद करें, अभी तो हमारा जो था वो जा चुका है. चंद्रसिंह जडेजा ने कहा कि मेरे चाचा का लड़का, उनका लड़का, एक उनके बड़े भाई की बेटी, भावनगर और राजकोट के उनके दो महेमान गेमिंग जोन में गए थे. 

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गेमिंग जोन आने वाले लोगों से फरवाया जाता था एक फार्म
जडेजा ने बताया कि शाम को टीवी में खबर देखी, पांच मिनट बाद मुझे कॉल आया कि वीरेन्द्रसिंह और बाक़ी के लोग गेमिंग जॉन में थे और हम यहां आ गए. रातभर 25 हॉस्पिटल में हमारे स्वजनों को ढूंढा गया, लेकिन कोई नहीं मिला है. बताया जाता है कि राजकोट के TRP गेमिंग जॉन में तमाम लोगों से पहले फॉर्म भरवाया जाता था. गेमिंग जोन में जाने वालों को प्रवेश से पहले ही कुछ शर्तों का पालन करने को लेकर हस्ताक्षर करना पड़ता था. ग्राहक को कुछ भी हो तो उसके लिए गेमिंग जोन जिम्मेदार नहीं होगा. इस किस्म के कागज पर ग्राहकों से पहले ही हस्ताक्षर करवाए जाते थे.

छह लोगों के खिलाफ हुआ है FIR
राजकोट गेमिंग जोन में आग लगने के मामले में कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर के मुताबिक अब तक कुल 28 लोगों की मौत हो चुकी है. गेमिंग जोन के मालिक युवराजसिंह सोलंकी, मैनेजर प्रकाश चन्द्र हिरन, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, राहुल राठौड़, धवल ठक्कर के विरुद्ध राजकोट तालुका पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई है.
इन पर IPC की धारा 304, 308, 337, 338 और 114 के अंतर्गत FIR दर्ज की गई है.

रिपोर्ट - अतुल

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