
रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब भारतीय कामगारों पर भी पड़ने लगा है. दोनों देशों में युद्ध की वजह से गुजरात के सूरत में डायमंड फैक्ट्रियों में काम की कमी हो गई है जिस वजह से बीते तीन महीने में 11 लोग मौत को गले लगा चुके हैं. मरने वाले ये सभी लोग डायमंड वर्कर थे.
गुजरात के सूरत को डायमंड नगरी भी कहा जाता है. दुनिया में पाए जाने वाले 14 डायमंड में से 11 हीरे सूरत में तरासे जाते हैं. डायमंड की कटिंग और पॉलिसिंग के हिसाब से सूरत शहर दुनिया का सबसे बड़ा हब है.
काम की कमी, कामगारों को दो दिन की छुट्टी
लाखों लोगों को रोजगार देने वाला डायमंड उद्योग रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसके चलते सूरत की डायमंड फैक्ट्रियों में काम करने के समय में कटौती की जा रही है. यहां सप्ताह में एक दिन होने वाली छुट्टी को दो दिन किया जा रहा है.
इस मामले को लेकर आजतक की टीम ने सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष नानू भाई वेकरिया ने बात की. उन्होंने बताया कि डायमंड उद्योग में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से बड़ी मंदी तो नहीं है लेकिन आंशिक मंदी जरूर है.
फिलहाल कामगार बेरोजगार नहीं हुए हैं. बड़े डायमंड की मांग कम है इसलिए काम की ज्यादा जरुरत नहीं है. इस वजह से सप्ताह में एक छुट्टी बढ़ा दी गई है. वहीं जो छोटा डायमंड बनाते हैं उसमें पूरा काम चल रहा है, कोई भी कामगार बेरोजगार नहीं हुआ है.
वेकरिया ने आगे बताया कि जैसे ही युद्ध बंद होगा तो बड़े डायमंड की डिमांड बढ़ जाएगी. इतनी मंदी भी नहीं है कि डायमंड उद्योग हिल जाए. यहां रूस से 30 प्रतिशत डायमंड रफ आती थी. छोटे डायमंड फैक्ट्री के लिए रशियन डायमंड बहुत जरूरी हैं.
कंपनी ने काम पर आने से रोका: डायमंड वर्कर
काम नहीं मिलने से बेरोजगार हुई डायमंड वर्कर प्रियंका मेवाडा ने बताया कि वह पिछले दो सालों से डायमंड कंपनी में काम कर रही थी. एक दिन कंपनी से फोन आया कि अब आपको नौकरी पर नहीं आना है. नौकरी चले जाने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वह अपने दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहती है. घर में कमाने वाली वो इकलौती सदस्य है और उसके ही पैसों से घर चलता था. उसे अब सबसे ज्यादा चिंता इस बात कि है अब बच्चों की स्कूल फीस और किराया कहां से आएगा.