
गुजरात में सूरत नगर निगम का विवादों से गहरा नाता सा है. अक्सर नगर निगम के विवाद सामने आते रहते हैं. इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है. शहर में आवारा कुत्तों की संख्या और खसीकरण को लेकर आरटीआई के जरिए जो सच सामने आया है, उसे सुनकर हर शख्स हैरान है.
आधिकारिक तौर पर सूरत नगर निगम में 2700 आवारा कुत्ते हैं. मगर, सूरत नगर निगम ने 30 हजार कुत्तों को पकड़कर खसीकरण किया है. खसीकरण के लिए एक कुत्ते के बिल पर 1403 रुपये का भुगतान किया गया. यानि कि कुत्तों के नाम पर करीब तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए. सूरत के आरटीआई एक्टिविस्ट संजय इझावा को यह जानकारी आरटीआई से मिली है.
30 हजार हजार कुत्तों का किया गया खसीकरण
अब सवाल ये है कि शहर में 2700 कुत्ते हैं तो सूरत नगर निगम ने कहां से कुत्ते लाकर 30 हजार कुत्तों का खसीकरण कर दिया है. आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा सूरत महानगर पालिका से मांगी गई आरटीआई में 2018 से 2023 तक (पांच साल) 2700 कुत्ते ही बताए गए हैं, जबकि खसीकरण 30 हजार कुत्तों का किया गया है.
'सूरत शहर में 80 से 90 हजार कुत्ते होंगे'
इस मामले को लेकर जब सूरत महानगर पालिका के एडिशनल मार्केट सुप्रीटेंडेंट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सूरत शहर में 80 से 90 हजार कुत्ते होंगे. पिछले साल हमने 30 हजार कुत्तों के खसीकरण का ठेका दिया था, जो पूरा हो गया है. पिछले महीने से नया टेंडर 30 हजार डॉग का दिया है, वो प्रोसिजर चालू है.
'वो कैसे हुआ है, हमें नहीं पता है'
हर रोज हमारी टीम वार्ड वाइज निकलती है और डॉग को पकड़कर खसीकरण करती है. आधिकारिक रूप से 2700 कुत्ते होने और 30 हजार कुत्तों के खसीकरण करने के आरटीआई में खुलासा होने को लेकर डॉक्टर राजेश घेलानी ने कहा कि वो सेंसर डिपार्टमेंट काम करता है. वो कैसे हुआ है, हमें नहीं पता है.