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Russia Ukraine War: भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स का क्या होगा? आया विदेश मंत्री का बयान

Russia Ukraine war: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हंगरी की सरकार ने वादा किया है कि वह ज्यादा से ज्यादा भारतीय छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में एडजस्ट करने की कोशिश करेगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर (File Photo) विदेश मंत्री एस जयशंकर (File Photo)
aajtak.in
  • वडोदरा,
  • 31 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST
  • 24 फरवरी को शुरू हुआ था रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध
  • दोनों देशों के बीच जंग थमती नजर नहीं आ रही है

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 3 महीने से भी ज्यादा समय बीत चुका है. अभी तक ये युद्ध थमता नजर नहीं आ रहा है. जंग के बीच भारत ने अपने नागरिक तो यूक्रेन से आसानी से निकाल लिए, लेकिन अब बड़ा सवाल यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स के भविष्य को लेकर खड़ा हो गया है.

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इस सवाल को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन के पड़ोसी देशों से बात कर रही है कि वे भारतीय छात्रों को उनकी यूनिवर्सिटी में एडजस्ट (समायोजित) कर लें.

गुजरात से राज्यसभा सांसद एस. जयशंकर ने सोमवार को वडोदरा में पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हंगरी की सरकार ने वादा किया है कि वह ज्यादा से ज्यादा भारतीय छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में एडजस्ट करने की कोशिश करेगी.

यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भी चल रही है बातचीत

दरअसल, एस जयशंकर पीएम केयर्स के एक कार्यक्रम में भाग लेने वडोदरा पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से, बच्चों के लिए PM CARES के तहत लाभ जारी किए थे. यह योजना उन बच्चों के लिए है, जिन्होंने कोरोनाकाल में अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया था. उन्होंने कहा कि सरकार यूक्रेन के पड़ोसी देशों से बातचीत कर रही है. ताकि पता लगाया जा सके कि भारतीय छात्रों को किस तरह वहां के विश्वविद्यालयों में भर्ती कराया जा सकता है. 

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हंगरी की यूनिवर्सिटीज में 1,250 छात्रों ने किया आवेदन

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में हंगरी के विदेश मंत्री भारत आए थे. उन्होंने बताया था कि भारत के करीब 1,250 छात्रों ने उनके देश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन किया है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हंगरी ज्यादा से ज्यादा छात्रों को एडजस्ट करने की कोशिश करेगा. बता दें कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारतीय छात्रों को यूक्रेन छोड़कर भारत वापस आना पड़ा था. 

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