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गुजरात में रोका गया 'मोदी का रथ', PM की फोटो पर चिपकाई सरदार पटेल की फोटो

पाटीदारों का कहना है कि जो योजना सरदार पटेल की सोच का परिणाम है उसी नर्मदा यात्रा के रथ पर बल्लभ भाई पटेल की एक तस्वीर तक नहीं लगाई गई है. हंगामा के बाद रथ के ऊपर पीएम मोदी की तस्वीर पर सरदार पटेल की तस्वीर लगाने के बाद ही पाटीदारों ने रथ को आगे जाने दिया.

मेहसाणा में रोकी नर्मदा रथ यात्रा मेहसाणा में रोकी नर्मदा रथ यात्रा
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 11 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST

गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव की वजह से यहां नेताओं के दौरे और चुनावी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितम्बर को अपने जन्मदिन के दिन नर्मदा के किनारे एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इसी दिन नर्मदा यात्रा का समापन हो रहा है और इस मौके पर डभोई में बने सरदार सरोवर बांध पर पीएम मोदी नर्मदा नदी की पूजा कर एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे.

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गुजरात सरकार आने वाले चुनाव में नर्मदा पर बने सरदार सरोवर बांध का राजनीतिक तौर फायदा लेने की कोशिश में जुटी है. इसी वजह से हर गांव-जिले से नर्मदा यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा के लिये एक रथ तैयार किया गया है, जिसमें सरदार सरोवर बांध की तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की तस्वीर लगायी गयी है. लेकिन सोमवार को जब यह यात्रा मेहसाणा पहुंची तो यहां के खेरवा गांव में पाटीदारों ने इस रथ को रोक लिया. पाटीदारों का कहना है कि जो योजना सरदार पटेल की सोच का परिणाम है उसी नर्मदा यात्रा के रथ पर बल्लभ भाई पटेल की एक तस्वीर तक नहीं लगाई गई है. हंगामे के बाद रथ पर लगी पीएम मोदी की तस्वीर पर सरदार पटेल की तस्वीर लगाने के बाद ही पाटीदारों ने रथ को आगे जाने दिया.

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इस विरोध प्रदर्शन से साफ जाहिर कि सत्ताधारी बीजेपी भले ही सरदार सरोवर योजना को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रही है लेकिन पाटीदार अपने समुदाय के नेता और उसके विचारों से समझौता करने के लिए कतई तैयार नहीं हैं. इसके अलावा राज्य में चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ पाटीदारों ने अपने समाज के लिए आरक्षण की मांग को और तेज कर दिया है.

 

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